जमुई:कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं, जिले में पहुंचे किसान नेता इंद्रजीत सिंह और बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार और पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला. साथ ही उन्होंने किसान महापंचायत शुरू करने की बात कही.
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किसान नेताओं ने जिले के लोगों से किसान महापंचायत को सहयोग करने की अपील की. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि एपीएमसी को खत्म करके बिहार के किसानों के साथ सरकार ने अन्याय किया है. किसानों की हालत को बदहाल कर दिया है.
'बिहार में की जा रही है मंडी बंद'
इस मौके पर किसान नेता इंद्रजीत सिंह ने कहा कि बिहार में मंडी खत्म करने के बाद जो हालात उत्पन्न हुई है. वही हालात अब देश के किसानों के साथ केंद्र सरकार करने जा रही है. बिहार में केवल धान की खरीदारी होती है. यह एक दुर्भाग्य है. जबकि पूरे देश में बाजार समिति रहने के कारण सभी प्रकार के फसल की खरीदारी होती है.
'किसानों को गुलाम बनाने की साजिश'
इसके अलावा इंद्रजीत सिंह ने कहा कि बिहार के किसान को 2006 से ही गुलाम बनाने की साजिश का खेल राज्य सरकार ने रच दिया था. कलाबाजरी कानून आने से खाद्य पदार्थो की कीमत इतनी बढ़ जाएगी कि आम लोगों को दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होगी. बंधुआ मजदूर बनाने का खेल फिर से शुरू किया गया है.
'सिंचाई की कोई योजना विकसित नहीं'
इस कार्यक्रम में पूर्व बिहार विधान सभा स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने कहा कि सिंचाई की कोई योजना बिहार सरकार विकसित नहीं कर पाई है. अभी किसान केवल प्राकृतिक जल स्रोत से ही सिंचाई करने के लिए मजबूर है. भागलपुर में आम के लिए बाजार समिति विकसित होना था, मुजफरपुर में लीची का, हाजीपुर में केला का टाल, गंगा के किनारे वाले क्षेत्र में दलहन और तिलहन को लेकर बाजार समिति का निर्माण किया जाना था, लेकिन सरकार ने इसके उल्टे कार्य किया है. अभी बिहार सिर्फ लेबर सप्लाई करने वाला राज्य बन गया है.