मोतिहारी:बिहार सरकार की जल जीवन हरियाली योजना में ठेकेदार नियम के खिलाफ मत्स्यजीवी संघ गोलबंद होने लगा है. संघ ने सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है. संघ ने आगामी 26 फरवरी को अपनी तीन सूत्री मांगों के समर्थन में राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर अर्द्धनग्न प्रदर्शन करने की बात कही है.
प्रदर्शन से पहले मछुआरा समाज के लोगों को एकजुट करने के लिए मोतिहारी के जिला परिषद सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में उपस्थित बिहार राज्य मछुआरा आयोग के पूर्व अध्यक्ष विजय सहनी ने कहा कि हमारे समाज की रोजी-रोटी ही तालाब है. ऐसे में तालाब की जिम्मेदारी सरकार को उन्हें सौंपनी चाहिए.
विजय सहनी, बिहार राज्य मछुआरा आयोग के पूर्व अध्यक्ष 'सरकार कर रही है मनमानी'
मछुआरा आयोग के पूर्व अध्यक्ष विजय सहनी ने कहा कि जल जीवन हरियाली अभियान में सरकार तालाबों के जीर्णोद्धार का काम कर रही है. जिसके लिए ठेकेदार बहाल किए जा रहे हैं. जो राशि ठेकेदारों को दी जा रही है उस राशि में कई तालाब खोदे जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने मुछआरों से वसूले जा रहे राजस्व को भी बढ़ा दिया है, जो सही नहीं है.
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तीन सूत्री मांगों को लेकर देंगे धरना
बिहार राज्य मछुआरा आयोग के पूर्व अध्यक्ष विजय सहनी के कहा कि मछुआरा समाज ने सरकार के सामने अपनी 3 सूत्री मांगों को रखा है. अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आगामी 26 फरवरी को मछुआरा समाज राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर अर्द्धनग्न प्रदर्शन करेगा. बता दें कि जिला पार्षद सह सामाजिक न्याय समिति के अध्यक्ष मनोज मुखिया के अध्यक्षता में मछुआरा समाज की बैठक हुई. जिसमें बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष राकेश कुमार निषाद और पूर्व उपाध्यक्ष प्रो. शिव शंकर निषाद समेत मत्स्यजीवी संघ के कई लोग मौजूद रहे.