दरभंगा: पेंशनर्स एसोसिएशन ने केंद्र सरकार की तरफ से पेंशनर्स और कर्मचारियों को दिये जाने वाले महंगाई भत्ता को एक साल के लिए बंद करने के फैसले की निंदा की है. लोगों ने कहा कि एक तरफ जहां सरकार वरिष्ठ नागरिक और कर्मचारियों की शुभचिंतक होने की बात कह रही है तो वहीं दूसरी ओर सरकार इन कर्मचारियों और पेंशनरों को आर्थिक बोझ के तले दबाना चाहती है.
DA कैंसिल होने पर पेंशनर्स एसोसिएशन ने कहा- केंद्र महंगाई पर रोक लगाए न कि महंगाई भत्ता पर
कोरोना महामारी के दौर में सभी पेंशनर्स को मुफ्त राशन व्यवस्था दिये जाने की मांग की गई. कोविड-19 से इस लड़ाई में जो कर्मचारी योद्धा की तरह टिके हुये हैं उनका खयाल ही सरकार नहीं रख रही है.
पेंशनर एसोसिएशन के राज्य उपाध्यक्ष राम स्वार्थ सिंह ने बताया कि एक तरफ महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है तो दूसरी तरफ सरकार पेंशनरों का महंगाई राहत और कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोक रही है. ये कहीं से भी उचित नहीं है. कोरोना महामारी के दौर में सभी पेंशनर्स को मुफ्त राशन व्यवस्था दिये जाने की मांग भी की. कोविड-19 से इस लड़ाई में जो कर्मचारी योद्धा की तरह टिके हुये हैं उनका खयाल ही सरकार नहीं रख रही है. वहीं रिटायर्ड कर्मचारी भी अपने स्तर से कोरोना के खिलाफ इस युद्ध में सरकार का सहयोग कर रहे हैं.
पेंशनर्स एसोसिएशन ने जताया विरोध
ऐसे में कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता रोकना इन कोरोना योद्धाओं के मनोबल को तोड़ने जैसा है, जो कर्मचारी अपने घर-परिवार से अलग होकर राष्ट्रहित में काम कर रहे हैं. जहां सरकार को इनका हौसला बढ़ाना चाहिये वहीं सरकार इन्हें इस कल्याणकारी व्यवस्था से 1 साल के लिये वंचित करना चाहती है.