बक्सर: 24 मार्च से देश में लगे लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरों के सामने अपने परिवार का भरण पोषण करने को लेकर परेशानी बढ़ गई है. वैसे लोग जिनके पास न तो राशन कार्ड है और न ही लेबर कार्ड, उनको सरकार के किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा और उनकी हालत बदतर होती जा रही है.
लॉकडाउन के कारण दैनिक मजदूरों की बढ़ी परेशानी, राशन कार्ड नहीं होने से नहीं मिल रहा अनाज
लॉकडाउन के कारण दैनिक मजदूरी कर जीवनयापन करने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है. किसी वजह से राशन कार्ड नहीं बन पाने से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा.
क्या कहते हैं लोग
बक्सर नगर परिषद क्षेत्र में दिहाड़ी-मजदूरी कर जीवनयापन करने वाली महिला सुधा देवी ने बताया कि घर में अन्न का एक भी दाना नहीं है. छोटे-छोटे बच्चों का पेट भरने के लिए कभी रैन बसेरा तो कभी समाज सेवियों की मदद पर निर्भर रहना पड़ रहा है. राशन कार्ड के लिए एक साल पहले अप्लाई किया था, लेकिन राशन कार्ड नहीं बन पाया. इस कारण से सरकार के किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं लोगों की समस्या को लेकर उपमुख्य पार्षद बबन यादव ने भी कहा कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें सरकारी राशन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे लोगों की हालत काफी खराब है.
जिलाधिकारी ने दी जानकारी
वहीं, ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब लोगों की परेशानी की बात जिलाधिकारी से पूछी तो उन्होंने बताया कि किसी कारण से राशन कार्ड के जो भी एप्लीकेशन रिजेक्ट हुये हैं, उनका रिव्यू कराकर अब तक 21 हजार 301 आवेदनों को फिर से स्वीकृत किया गया है. वैसे सभी आवेदनों को आधार कार्ड से जोड़कर सभी लोगों के खाते में तत्काल 1 हजार रुपये की सहयोग राशि भेजी जायेगी और ऐसे लोगों को जल्द ही अन्य योजनाओं का लाभ दिया जायेगा.