बक्सर: 18 नवंबर से शुरू हो रहे चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर नगर परिषद एवं जिला प्रशासन के अधिकारी पूरी तरह से सुस्त दिखाई दे रहे हैं. यही कारण है कि गंगा घाटों पर अब तक ना तो बैरिकेडिंग हो पाई है और ना ही साफ सफाई हो पाई है. जिससे छठ व्रती काफी चिंतित हैं.
कई राज्यों से आते हैं छठ व्रती
शहर के रामरेखा घाट पर छठ व्रत करने के लिए बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, दिल्ली, उड़ीसा समेत कई राज्यों से छठ व्रती बक्सर आते हैं और गंगा घाटों पर ही 4 दिनों तक ठहरकर इस व्रत को सम्पन्न करते हैं. लेकिन इस बार जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारी पूरी तरह से उदासीन हैं. जिसके कारण शहर की सड़कों से लेकर गंगा घाटों तक गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
- वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले वासियों से अपील की जा रही है कि घर पर ही इस व्रत को संपन्न करें, उसके बाद भी जो लोग गंगा घाटों पर छठ व्रत करने के लिए आएंगे, वहां एंबुलेंस, मेडिकल की टीम, पर्याप्त मात्रा में दवा और मास्क सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी. जिससे की छठ व्रतियों को किसी तरह के परेशानियों का सामना ना करना पड़े- डॉक्टर नरेश कुमार , सिविल सर्जन.
गौरतलब है कि बिहार के राजकीय पर्व छठ पूजा की तैयारी में छठ व्रती जुट गए हैं, छठ व्रत करने वाले लोग अपने-अपने स्तर से तैयारी शुरू कर दी है. कोरोना काल में छठ व्रत को सुरक्षित रूप से सम्पन्न कराना प्रशासन के लिए भी चुनौती है.