भोजपुर: जिले में सुनहरे बालू का काला खेल बदस्तूर जारी है. कोइलवर थाना क्षेत्र के धन्डीहा सोन नदी के तटवर्ती इलाकों में ये काला कारनामा चल रहा है. बालू तस्कर रैयतदार किसानों के खेतों में पोकलेन मशीन से दिन-रात खुलेआम बालू खनन कर भंडारण कर रहे हैं.
बालू कारोबारियों के डर से किसान नहीं करा रहे शिकायत दर्ज
दरअसल, कोइलवर थाना क्षेत्र में किसानों की 42 एकड़ रैयती जमीन पर बालू कारोबारी ब्रॉडसन ने कब्जा जमा लिया है. बालू कारोबारियों के डर से किसानों ने अभी तक स्थानीय थाना में इसकी शिकायत तक दर्ज नहीं कराई है.
वहीं 1 एकड़ रैयती जमीन के मालिक दसई राम ने कहा कि हम 1975 से इस रैयती जमीन की रसीद कटवाते आ रहे हैं और अपने इस जमीन पर खीरा, ककड़ी, लौकी का उत्पादन कर जीविकोपार्जन कर रहे हैं. पर इस बार लॉक डाउन होने की वजह से हम कुछ उपजा नहीं सके. इसका फायदा उठाकर बालू कारोबारियों ने बिना हमें बताए हमारे रैयती जमीन पर बालू खनन कर वहां भंडारण कर रहे हैं.
कागज दिखाते रैयतदार किसान बालू कारोबारी और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत का आरोप
आक्रोशित किसानों ने बताया कि बालू कारोबारी और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से खुलेआम हमलोगों की रैयती जमीन को बर्बाद किया जा रहा है. इन बालू कारोबारियों के खिलाफ हमलोग जल्द ही अधिकारियों के पास न्याय की गुहार लगाने के लिए जाएंगे.
3 मीटर की गहराई से ज्यादा खनन गैरकानूनी
बालू कारोबारी सरकार के नियमों की अवहेलना कर मानक इकाई से ज्यादा खनन कर रहे हैं. सरकार से निर्देशित है कि 3 मीटर की गहराई से ज्यादा खनन करना गैरकानूनी है. अगर 1 फीट खनन के दौरान पानी निकल जाए तो वहां खनन रोककर आगे बढ़ना होता है. जबकि बालू कारोबारी एक जगह पर कई-कई फीट तक खनन कर सोन नदी का सीना चीर रहे हैं.
मालूम हो कि बालू कंपनी ब्रॉडसन के मनमानी को लेकर खनगांव, चांदी, बहियारा, फरहंगपुर के रैयतदारो ने भी मोर्चा खोल दिया है. जिसे लेकर बीते गुरुवार रैयतदारों ने चांदी चौक पर सड़क जाम कर आक्रोश जताया था. वहीं जब इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो सका.