भागलपुर: असम के डिटेंशन कैंपों में 27 लोगों की मौत के खिलाफ नगर प्रभारी मुकेश मुक्त के नेतृत्व में भाकपा माले ने विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला भी फूंका. साथ ही कार्यकर्ताओं ने सरकार से पूरे देश में एनआरसी लागू करने के निर्णय को वापस लेने की मांग की है.
असम डिटेंशन कैंप में 27 लोगों की मौत पर बवाल, भाकपा माले ने किया प्रदर्शन
नगर प्रभारी मुकेश मुक्त ने बताया कि असम में एनआरसी लिस्ट में जिन लोगों का नाम नहीं था, उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा गया था. उनमें से 27 लोगों की मौत हो गई है. जिनकी मौत को लेकर भाकपा माले के कार्यकर्ता देश भर में राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद विरोध कर रहे हैं.
राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद विरोध
नगर प्रभारी मुकेश मुक्त ने बताया कि असम में एनआरसी लिस्ट में जिन लोगों का नाम नहीं था, उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा गया था. उनमें से 27 लोगों की मौत हो गई है. जिनकी मौत को लेकर भाकपा माले के कार्यकर्ता देश भर में राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एनआरसी लागू होने से आम लोगों की परेशानी बढ़ेगी. आम लोगों का यदि भारत सरकार के नागरिकता वाले लिस्ट में नाम नहीं होगा, तो उसे डिटेंशन कैंप में डाला जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार को एनआरसी लागू करने के निर्णय को वापस लेना ही होगा.
सरकार को बताया जिम्मेदार
बता दें कि डिटेंशन कैंप में अब तक 27 लोग की मौत हो गई है. फाइनल सूची के पहले 25 लोग मारे गए और उसके बाद 2 लोग की मौत हुई है. इन 2 लोगों में 70 वर्षीय फालु दास और 65 वर्षीय दुल्ला चंद्रपाल शामिल हैं. दुल्ला पाल और फालु दास के परिवार ने उनके शव लेने से इनकार करते हुए कहा कि अगर वे बांग्लादेशी थे. तो बांग्लादेश में उनके परिवार को तलाशिये और सबको बांग्लादेश भेजिए. नहीं तो मानिए कि यह भारत के नागरिक थे. जिनकी हत्या सरकार के डिटेंशन कैंप में हुई. वहीं उन्होंने इन सभी की मौतों का जिम्मेदार सरकार को बताया है.