पटना: राजधानी का सबसे प्रतिष्ठित सरकारी अस्पताल पीएमसीएच हॉस्पिटल कोरोना संक्रमण का हॉट-स्पॉट बनता जा रहा है. अस्पताल में चारों तरफ यूज्ड पीपीई किट यूं बी खुले में फेंके हुए देखे जा रहे हैं. इनको कौए और आवारा पशु इधर-उधर लेकर जाते रहते हैं, जिससे पूरे पीएमसीएच परिसर और आसपास के इलाके में संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है.
मेडिकल वेस्ट का डिस्पोजल नहीं
पीएमसीएच के पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के पास सबसे ज्यादा यूज्ड पीपीई किट बिखरे पड़े हैं. आलम ये है कि अस्पताल के फॉरेंसिक विभाग या इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में जाना हो, तो यूज्ड पीपीई किट के वेस्ट पर आपके पैर पड़ ही जाएंगे. हैरानी की बात तो ये है कि भले ही अस्पताल में मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल के लिए जगह और व्यवस्था निर्धारित है, लेकिन इसके ठिकाने की किसी को जानकारी नहीं कि यह व्यवस्था कहां है.
पीएमसीएच में यूज्ड पीपीई किट की गंदगी
इसके पास में ही धनवंतरी हॉस्टल है, जहां एमबीबीएस के छात्र रहते हैं. चाणक्य पीजी हॉस्टल है जहां जूनियर डॉक्टर रहते हैं. पीएमसीएच में जिस तरह यूज्ड पीपीई किट की गंदगी देखने को मिल रही है, उससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर क्या वजह है कि पटना के दूसरे मेडिकल कॉलेजों की तुलना में पीएमसीएच के जूनियर और सीनियर डॉक्टर कोरोना के ज्यादा शिकार हुए हैं.
मेडिकल वेस्ट डिस्पोज करने की कोई तैयारी नहीं
पीएमसीएच के पैथोलॉजी विभाग के पास की गंदगी की तस्वीरें ईटीवी भारत ने कुछ दिनों पहले भी प्रमुखता से दिखाई थी. इसके बावजूद भी अबतक अस्पताल प्रबंधन ने इस मसले को लेकर कोई पहल नहीं की. अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह से फेल और शिथिल नजर आ रहा है. यहां मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने का कोई भी उपाय नजर नहीं आता. पीपीई कीट के अलावा कई दूसरे मेडिकल वेस्ट भी यहां-वहां खुले में फेंक दिए जाते हैं.