पटना: राज्य से लेकर केंद्र तक जनता दल यूनाइटेड (JDU) दोनों जगह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा है. राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ललन सिंह (Lalan Singh) की ताजपोशी और केंद्रीय मंत्रिमंडल में आरसीपी सिंह (RCP Singh) को शामिल किए जाने के बाद जेडीयू की रणनीति में आमूलचूल बदलाव आया है. ऐसा लगता है कि पार्टी राजनीतिक मुद्दों पर बीजेपी (BJP) से दो-दो हाथ के लिए तैयार है.
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राष्ट्रीय परिषद के बैठक में जिस तरीके से जेडीयू की ओर से तमाम प्रस्ताव पारित किए गए, उससे साफ है कि पार्टी बीजेपी के दबाव में आने को कतई तैयार नहीं है. राजनैतिक प्रस्ताव से यह साफ हो गया है कि राजनीतिक मुद्दों के मामले में जेडीयू खुद 'लीडर' की भूमिका में रहना चाहता है. जनसंख्या नियंत्रण पर तो पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र को भी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बिहार द्वारा अपनाई गई नीतियों को लागू करना चाहिए.
इसके अलावा जातिगत जनगणना और रोहिणी कमेटी की रिपोर्ट लेकर जेडीयू ने अपना रुख साफ कर दिया है. पार्टी ने रोहिणी कमेटी की रिपोर्ट को लेकर भी बीजेपी पर दबाव बढ़ा दिया है.
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