पटना: सीएम नीतीश कुमार ने जलवायु परिवर्तन के बिगड़ते हालात पर चिंचा जाहिर करते हुए बीते दिनों सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. उन्होंने राज्य में वृक्षारोपण करने और आहर,पोखर और तालाबों को फिर से अस्तित्व में लाने के लिए बात कही थी, लेकिन उनके इस आदेश का पालन करने में विभाग फेल होता नजर आ रहा है.
विभाग की लचर व्यवस्था
दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठ बुलाकर सभी सदस्यों को इस दिशा में मिलकर काम करने अपील की थी. मामले में विपक्ष ने भी गंभीरता दिखाते हुए सरकार को हर स्तर पर मदद का भरोसा दिया था. लेकिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की लचर व्यवस्था के कारण सरकार की कोशिशों पर पानी फिरता दिख रहा है.
CM का आदेश पालन करने में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग फेल विभाग में संसाधन और कर्मचारियों की कमी
राज्य के 38 जिलों में आहर,पोखर,पाईन,तालाब और नदी नालों पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है. कही कही तो इन जमीनों पर राजनेताओं और दबंगो ने कब्जा करके बड़ी बड़ी इमारत भी बना ली है. इन जमीनों को मुक्त कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन पर है, लेकिन इसके लिए ना तो विभाग के पास कर्मचारी है और ना नही जमीन की मापी करने के लिए पर्याप्त सख्या में अमीन ही मौजूद है. मामले में अधिकारी भी मानते है की संसाधन और कर्मचारियों की कमी के कारण इन कामो में मुश्किलें आ रही है.
मंत्री के बेतुके जवाब
वही राजस्व और भूमि सुधार मंत्री ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कमी तो है, इसके लिए कर्मचारी चयन आयोग पत्र लिखकर बहाली की प्रक्रिया की जाएगी. ऐसा भी नहीं है कि बिल्कुल भी कर्मी नहीं है. वे सभी अपना काम कर रहे हैं. आम लोगों की परेशानी के मुद्दे पर उन्होंने गैरजिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा कि हो सकता है आज एक दो दिन लोगों को दिक्कत हो रही हो,लेकिन विभाग लगातार काम कर रहा है.