पटना: बिहार में वायरल फीवर (Viral Fever) तेजी से फैल रहा है. ऐसे में बच्चों में वायरल फीवर की गंभीरता को देखते हुए पटना जिला सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारीने जिले के सभी पीएचसी में 5 ऑक्सीजन बेड वायरल फीवर की शिकायत वाले बच्चों के लिए रिजर्व रखने के आदेश जारी किए हैं.
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पटना जिला सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने कहा कि हर साल सितंबर के महीने में वायरल फीवर के मामले बढ़ जाते हैं और इस बार भी ये बढ़ा हुआ है. पटना में भी वायरल फीवर के मरीज काफी बढ़ रहे हैं. वायरल फीवर की शिकायत पर बच्चों का इलाज हो रहा है और बच्चे ठीक भी हो रहे हैं. सिविल सर्जन ने कहा कि उन्होंने अपने स्तर से सभी पीएचसी में बात की है और कहीं से भी ऐसी जानकारी नहीं आई है कि वायरल फीवर की वजह से बच्चे की जान गई हो.
''बच्चों में वायरल फीवर के बढ़ते मामलों की गंभीरता को देखते हुए जिले के सभी पीएचसी को अलर्ट कर दिया है. सभी पीएचसी के एमओआईसी को निर्देशित किया है कि अपने यहां वो ऑक्सीजन युक्त 5 बेड रिजर्व रखें, ताकि गंभीर स्थिति में अगर कोई वायरल फीवर से बच्चा पहुंचता है तो उसे एडमिट कर उसका समुचित इलाज कर ठीक कर उसे घर भेजा जा सकें.''-डॉ. विभा कुमारी, सिविल सर्जन, पटना
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डॉ. विभा कुमारी ने कहा कि वायरल फीवर का इलाज जो होता है, वो सिम्टम्स को देखते हुए होता है. ऐसे में सिंप्टोमेटिक इलाज के तहत जो कुछ भी दवाइयां होती हैं, वह सभी पीएचसी में उपलब्ध हैं. सिम्टम्स एंड साइंस के आधार पर वायरल फीवर में बच्चों को दवाइयां दी जाती हैं.
प्रदेश में इन दिनों चमकी बुखार के मामले भी काफी बढ़ गए हैं. ऐसे में पटना जिला सिविल सर्जन ने कहा कि उनके पास अब तक इसकी कोई जानकारी नहीं आई है. वह निरंतर सभी पीएचसी के संपर्क में है और किसी भी वायरल फीवर की शिकायत वाले बच्चे में चमकी का मामला नहीं मिला है.
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बता दें कि बिहार में इन दिनों बड़ी संख्या में बच्चे वायरल फीवर से पीड़ित हो रहे हैं. पटना के अस्पतालों के ओपीडी में रोज 100 से अधिक बच्चे वायरल फीवर के चलते पहुंच रहे हैं. मुजफ्फरपुर में भी वायरल फीवर के चलते अस्पतालों के बेड फुल हो गए थे. अब यहां मरीजों की संख्या कम हो गई है. एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में 88 बच्चों का इलाज चल रहा है. बिहार में एक के बाद एक बीमारियों के फैलने के चलते राज्य सरकार सतर्क हैं.