पटनाःबिहार में इन दिनों वायरल बुखार (viral Fever) कहर बरपा रहा है. कोरोना की तीसरी लहर (Covid-19 Third Wave) की चेतावनी के बीच वायरल बुखार का बढ़ता प्रकोप चिंता का विषय है. बिहार के लगभग हर जिले में इसके मरीज मिल रहे हैं. बच्चे इसका सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं. सूबे के कई अस्पतालों में बेड फुल हो चुका है.
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वायरल बुखार का बढ़ता प्रभाव और संक्रमित हो रहे बच्चों की संख्या को देखते हुए लोग काफी चिंतित हैं. इस कड़ी में ईटीवी भारत संवाददाता ने एनएमसीएच अधीक्षक व शिशु रोग विशेषज्ञ विनोद कुमार सिंह से वायरल बुखार और कोरोना की तीसरी लहर लेकर बातचीत की है.
डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि वायरल बुखार का संबंध कोरोना की तीसरी लहर के कतई नहीं है. उन्होंने बताया कि एनएमसीएच में वायरल बुखार संक्रमित 22 बच्चों का इलाज चल रहा है. सभी का आरटीपीसीआर जांच कराया गया, जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है. वे सभी खतरे से बाहर हैं. इसलिए लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है.
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"मानसून के दौरान वायरल बुखार सभी उम्र के लोगों पर अटैक करता है. बच्चों को इससे ज्यादा खतरा है लेकिन समय से इलाज कराने पर वे ठीक हो सकते हैं. यह बुखार पांच साल तक के बच्चों पर ज्यादा हावी होता है, इसलिए उनका ख्याल रखना जरूरी है. समय-समय पर टीका लगवाना और डॉक्टरों के संपर्क में रहना बेहद जरूरी है."-डॉ. विनोद कुमार सिंह, एनएमसीएच अधीक्षक
NMCH अधीक्षक ने बताया कि वायरल फीवर से डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने लोगों कहा कि समय से बच्चों का इलाज कराने से उन्हें बचाया जा सकता है. एनएमसीएच में इसे लेकर पूरी व्यवस्था की गई है. अस्पताल में दवा से लेकर सारी सुविधाएं उपलब्ध है. वहीं, उन्होंने कोविड प्रोटोकॉल का भी लोगों से पालन करने की अपील की है.