पटना:बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) में बुधवार को कृषि विभाग का अनुपूरक बजट (Supplementary Budget of Agriculture Department) पेश हुआ. इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने बिहार में खाद की कालाबाजारी (Black Marketing of Fertilizers in Bihar) को लेकर कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Agriculture Minister Amarendra Pratap Singh) को घेरा. आरजेडी विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह(RJD MLC Sunil Kumar Singh) ने कहा कि भारत सरकार यह दावा करती है कि किसानों की आय को दोगुना करेंगे लेकिन बिहार में लगातार खाद की कालाबाजारी हो रही है.
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खाद की कालाबाजारी पर विपक्ष मुखर: आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने कहा कि कृषि मंत्री के जिले में लगातार किसान ऊंची कीमत में खाद खरीद रहे हैं लेकिन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार सिर्फ और सिर्फ बयानबाजी करने वाली सरकार है. सच्चाई यही है कि जिलों में अधिकारी जमकर रिश्वत ले रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सासाराम में फूड कॉरपोरेशन विभाग द्वारा उसना चावल के बदले उसना चावल देने के नाम पर लाखों रुपए की रिश्वत ली गई है. इस पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली. आरजेडी विधान पार्षद ने कहा कि हमारे पास सबूत है कि किस तरह से फूड कॉरपोरेशन विभाग में सबसे पहले उसना चावल खरीदने की बात मिलरों से की और बाद में उसे अरवा चावल में बदल दिया गया. इसमें बड़ी राशि की लेन-देन की गई.