गया:बिहार के गया में वॉटर फेस्टिवल का आयोजन (Water Festival Organized in Gaya) हुआ. भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया स्थित वट लाओ मोनास्ट्री में वॉटर फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है. जिसमें कई देशों के बौद्ध भिक्षुओं और श्रद्धालुओं ने भाग लिया. वॉटर फेस्टिवल के दौरान बौद्ध श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे के ऊपर पानी और रंगों की बौछार की. इस दौरान श्रद्धालुओं ने पानी एक-दूसरे के ऊपर फेंककर भिगोया. साथ ही भगवान बुद्ध की मूर्ति के समक्ष बैठकर, रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को समाप्त करने को लेकर विशेष प्रार्थना की. इस मौके पर वट लाओ मोनास्ट्री के बौद्ध भिक्षु भंते साईंसाना (Bhante Saisana Buddhist Monk of Vat Lao Monastery) ने कहा कि बौद्ध परंपरा में नये साल के शुरुआत को लेकर वाटर फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है.
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'वॉटर फेस्टिवलमें एक-दूसरे के ऊपर पानी फेंककर भिगोया जाता है. जिस तरह से भारतीय परंपरा में होली पर्व के दौरान लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं, उसी तरह से वट लाओस, कंबोडिया, थाईलैंड जैसे बौद्ध देशों में वाटर फेस्टिवल का आयोजन कर, एक-दूसरे के ऊपर पानी फेंका जाता है. भारतीय परंपरा को देखते हुए, हम लोगों ने पानी के साथ-साथ एक दूसरे को रंग भी लगाया है. कोरोना के कारण पिछले 2 सालों से वाटर फेस्टिवल का आयोजन स्थगित कर दिया गया था. लेकिन अब इसका आयोजन किया गया है. जिसमें कई देशों के बौद्ध श्रद्धालुओं ने भाग लिया है. और एक-दूसरे के ऊपर पानी और रंग लगाकर नववर्ष की शुभकामनाएं दी है. नववर्ष एक नई शुरुआत की जाती है, हमलोग भी भगवान बुद्ध से यह प्रार्थना कर रहे हैं कि सभी के जीवन में शांति बनी रहे.'- भंते साईंसाना, बौद्ध भिक्षु