गया: पीएम उज्ज्वला योजना के तहत जिले के अधिकतर परिवारों को एलपीजी गैस कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है. हालांकि महानगरों में तो अब काफी हद तक पीएनजी (पाइप लाइन वाली रसोई गैस) का इस्तेमाल होने लगा है. फिर भी बड़ी संख्या में कई ऐसे घर हैं. जहां रसोई का चूल्हा गैस सिलेंडर से ही जलता है.
वहीं, सिलेंडर लेते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. इससे जिले के अधिकतर लोग अभी पूरी तरह वाकिफ नहीं हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने गया के शहमीर तकिया इलाके में डोर-टू-डोर जाकर लोगों को गैस सिलेंडर से जुड़ी तमाम बातों की जानकारी दी.
ईटीवी भारत ने लोगों को किया जागरूक
ईटीवी भारती की टीम गैस सिलेंडर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए शुक्रवार को शहमीर तकिया इलाके में पहुंची. यहां लोगों में गैस सिलेंडर के प्रति जागरूकता का आभाव दिखा. यहां घर की महिलाएं के अलावा शिक्षित पुरुष भी बिना जांचे परखे गैस ले रहे थे. यहां डिलीवरी मैन ने बताया मैं और मेरा सहयोगी हर दिन के कोटे के हिसाब से टेम्पो पर गैस सिलेंडर लेकर शहमीर तकिया पहुंचते हैं. यहां डोर-टू-डोर किचन तक जाकर गैस सिलेंडर पहुंचाते हैं. हम पहले सिलेंडर का वजन करते हैं. सिलेंडर की एक्सपायरी डेट देखते है और लीकेज चेक करने के बाद कस्टमर को पूरी तरह संतुष्ट कर प्री-डिलीवरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवाते हैं.
सिलेंडर देने जाता डिलीवरी मैन लोगों को जागरूक करती हैं सत्यावती
शहमीर तकिया इलाके की सोनम बताती हैं कि मुझे कुछ नहीं पता, हम तो बस गैस लेते हैं और रेगुलेटर लागकर खाना बनाते हैं. बांकी कोई जानकारी नही है. वही, सत्यावती देवी बताती हैं कि बीते दिनों मेरे घर में गैस लीकेज होने के कारण घटना घटित हो चुकी है. तब से वह इसके प्रति जागरूक रहती हैं. सिलेंडर लेते वक्त पूरी तरह जांचने के बाद ही घर ले जाती हैं. उन्होंने कहा कि वह दूसरों को भी जागरूक कर रही हैं. ताकि किसी के घर में सिलेंजर से कोई हादसा नहीं हो.
गैस सिलेंडर की एक्सपायरी जरूर चेक करें
जैसे खाने-पीने के सामान और दवाओं की एक्सपायरी डेट होती है. उसी तरह गैस सिलेंडर की भी एक्सपायरी डेट होती है. एक्सपायरी निकलने पर गैस सिलेंडर आपके लिए खतरनाक हो सकता है. जब भी आप एजेंसी से या फिर डिलीवरीमैन से गैस सिलेंडर लें तो उस पर लिखी हुई एक्सपायरी डेट देखना नहीं भूलें. बता दें कि सिलेंडर की एक्सपायरी डेट खत्म होने के बाद उसमें लगी सील की पकड़ कमजोर होने लगती है. जिससे गैस लीक होने लगती है. इस कारण सिलेंडर फटने का डर बना रहता है. एक्सपायर सिलेंडरों की तेल कंपनियां फिर से जांच करती हैं और जांच करके सिलेंडर पर नई तारीख डाली जाती है.
सिलेंडर का वजन करता डिलीवरी मैन इस तरह पहचानें एक्सपायरी डेट
बता दें कि एक्सपायरी डेट एक कोड में लिखी होती है. इस कोड में सिलेंडर के एक्सपायर होने का महीना और साल लिखा होता है. गैस कंपनियां पूरे साल को चार हिस्सों में बांट देती हैं. जनवरी-फरवरी-मार्च तक के लिए (A) अप्रैल-मई-जून के लिए (B), जुलाई-अगस्त-सितंबर के लिए (C) और अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर के लिए (D) कोड लिखा जाता है. उदाहरण के तौर पर अगर गैस सिलेंडर पर B.25. कोड डला हुआ है. इसका मतलब ये हुआ कि वह गैस सिलेंडर बी (B) यानी अप्रैल-मई-जून 2025 को एक्सपायर हो जाएगा. इस तारीख के बाद किसी भी तरह की दुर्घटना की जिम्मेदारी तेल कंपनी की नहीं होती है.
लीकेज की जांच करना न भूलें
सिलेंडर लेते समय हमेशा अच्छी तरह से उसे जांच लें. खास तौर पर गैस सिलेंडर के लीकेज की जांच करना तो बिल्कुल भी ना भूलें. ये ध्यान रहे कि कई बार गैस सिलेंडर नीचे की ओर गले हुए होते हैं. और गली हुई जगह से गैस लीक होने लगती है. सिलेंडर में जहां सील लगी होती है, सील हटाकर भी लीकेज की जांच कर लें.
खुद सिलेंडर लाने पर ही मिलेंगे पैसे
बता दें कि अगर आप अपना गैस सिलेंडर गोदाम से खुद ही लेकर आते हैं तो आप सिलेंडर की कीमत में से डिलीवरी चार्ज कम करवा सकते हैं. क्योंकि गैस एजेंसी आपके घर सिलेंडर पहुंचाने के लिए डिलीवरी चार्ज वसूल करती है. वह चार्ज गैस सिलेंडर की कीमत में ही जुड़ा होता है. इस समय डिलीवरी चार्ज 19.50 रुपये है.
इस नंबर पर दर्ज करा सकते हैं शिकायत
अगर आपको गैस सिलेंडर से जुड़ी कोई दिक्कत आ रही है तो आप आप टोल फ्री नंबर 18002333555 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.