हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

लोगों ने खुद तोड़ दिए अपने पक्के मकान, जमीन भी की दान...गांव की सालों की समस्या को किया दूर - VILLAGERS BUILD ROAD IN BARSAR

हमीरपुर के बड़सर में गांव की सड़क को चौड़ा करने के लिए अपने पक्के मकान तोड़ दिए. ग्रामीणों ने ये सब आपसी सहयोग से किया.

गांव के लिए निकाली गई सड़क
गांव के लिए निकाली गई सड़क (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 15, 2024, 3:33 PM IST

हमीरपुर:एक तरफ जहां आज कुछ लोग सड़क या रास्ता बनाने के लिए नाखून के बराबर भी अपनी जमीन नहीं छोड़ते हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर की बड़ागांव पंचायत के चठयाल वास गांव के लोगों ने शमशान घाट के लिए सड़क बनाने में अपनी कीमती जमीन ही नहीं दी, बल्कि अपने पक्के मकान, पशुशालाएं और चारदीवारियों को तोड़ कर आपसी सहयोग से गांव के बीच तीन से चार फुट रास्ते को 10 फीट चौड़ा कर एक अनोखी मिसाल पेश की है.

रास्ते को चौड़ा करने के लिए लोगों ने अपनी जमीन तो दी है, लेकिन इसके लिए अपने मकान, पशुशालाएं तक तोड़ दी. सड़क को चौड़ा करने के लिए लोगों ने न तो सरकार और न ही प्रशासन की मदद ली. ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से ही इस काम को अंजाम दिया. इस कार्य को अंजाम देने में गांव के पूर्व सैनिक सुबेदार अशोक कुमार ने अहम भूमिका निभाई है.

गांव के लिए निकाली गई सड़क (ETV BHARAT)

अशोक कुमार ने बताया कि गांव के बीच का दशकों पुराना रास्ता जो कि शमशान घाट तक जाता है दोनों ओर रिहायाशी मकान बन जाने से केवल पैदल चलने योग्य ही रह गया था. रास्ता तंग होने के कारण बुजुर्गों और दिव्यांग लोगों को परेशानी आती थी. साथ ही किसी शव को शमशान तक पहुंचाने के लिए भी मुश्किल होती थी. इस रास्ते को सड़क में बदलने के लिए सभी गांववासियों ने मिल बैठ कर बैठक की और निर्णय लिया गया कि सड़क निर्माण में अगर किसी की जमीन,मकान, पशुशाला या चारदीवारी बाधा बनती है तो मकान मालिक या फिर भूमि का मालिक उसे हटाने के लिए हर सम्भव सहयोग करेगा. सड़क निर्माण के लिए अगर मकान को तोड़ना पड़ेगा तो भी मना नहीं करेगा. यही नहीं बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सड़क बनाने पर जो भी खर्च आएगा उसे सब ग्रामीण मिल जुल कर वहन करेंगें, जिसके चलते ग्रामीणों ने सहयोग से साढ़े तीन लाख रुपये की राशि जुटाई और अपने स्तर पर सड़क निर्माण का कार्य शुरू करवाया.

वहीं स्थानीय निवासी सुनील ठाकुर ने बताया कि, गांववासियों ने अपने पक्के मकान सड़क बनाने के लिए बिना किसी मुआवजे के तोड़ दिए, यह बहुत बड़ी बात है. वहीं स्थानीय महिला रमना कुमारी और पूजा कुमारी ने बताया कि गांव में सड़क सुविधा न होने के चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब ग्रामीणों ने सड़क बनाकर सारी समस्याओं का समाधान किया है. वहीं स्थानीय महिला बबिता कुमारी और निर्जला ठाकुर ने बताया कि शमशान घाट के लिए कोई रास्ता नही था, जिसके चलते काफी परेशानी होती थी. सड़क बनाने के लिए पूर्व सैनिक सूबेदार अशोक कुमार ने पहल की और अन्य ग्रामीणों को भी प्रेरित किया. लोगों ने सड़क बनाने के लिये अपने मकान ही नहीं तोड़े, बल्कि स्वयं सड़क बनाने के लिये पैसों का इंतजाम भी किया.

गौरतलब है कि गांववासियों ने रास्ते को सड़क में बदलने का कार्य शुरू कर दिया है और लगभग डेढ़ किलोमीटर बनाई जाने वाली ये सड़क 500 मीटर तक बन चुकी है. इस सड़क के निर्माण के बीच जिस किसी के मकान का जितना हिस्सा आ रहा है उसे मकान मालिक अपने स्तर पर हटाने में लगा है. कोई मकान की छत्त हटाने में लगा है और कोई अपनी चारदीवारी को हटा रहा है और कोई अपने गेट को पीछे कर रहा है, लेकिन किसी भी ग्रामीण के मन में कोई शिकायत नहीं है. ये सब आपसी भाईचारे और सहयोग से हो रहा है. बहराल इस गांव के बाशिंदों के इस कार्य की अन्य लोग जमकर सराहना कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: डेढ़ साल तक शासन-प्रशासन ने नहीं सुनी फरियाद, बेटी की शादी के लिए ग्रामीणों ने खुद तैयार कर दिया पुल

ABOUT THE AUTHOR

...view details