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उत्तराखंड में लो वोल्टेज और लाइन लॉस पर UPCL ने उठाया कदम, स्थापित होंगे कैपेसिटर बैंक - UPCL CAPACITOR BANK

लो वोल्टेज और लाइन लॉस की समस्या से निपटने के लिए यूपीसीएल राज्य में कैपेसिटर बैंक की स्थापना करेगा.

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उत्तराखंड में लो वोल्टेज और लाइन लॉस पर UPCL ने उठाया कदम (FILE PHOTO ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 1, 2024, 10:32 PM IST

देहरादूनःउत्तराखंड में उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPCL) कैपेसिटर बैंक की स्थापना करने जा रहा है. जिसके जरिए राज्य में न केवल उपभोक्ताओं को गुणवत्ता युक्त विद्युत प्राप्त हो सकेगी, बल्कि लो वोल्टेज की समस्या से भी निजात मिलेगी. यही नहीं, राज्य में लाइन लॉस को कम करने में भी यूपीसीएल का यह कदम काफी अहम होगा.

उत्तराखंड में कैपेसिटर बैंक की स्थापना से वोल्टेज और पावर फैक्टर की गुणवत्ता में सुधार होने जा रहा है. इसके लिए उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा उप संस्थानों के परिवर्तकों (उपकरण) के लिए कैपेसिटर बैंक की स्थापना का कार्य किया जा रहा है. इसमें यूपीसीएल राज्यभर में कुल 61 नग 33/11 KV उप संस्थानों के कुल 101 नग परिवर्तकों के लिए कैपेसिटर बैंक की स्थापना का काम किया जा रहा है. उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल यादव के अनुसार, पावर सिस्टम नेटवर्क में कैपेसिटर बैंक की स्थापना एक गेम चेंजर प्रोजेक्ट के रूप में होगी.

उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा राज्य में कैपेसिटर बैंक की स्थापना का काम मार्च 2025 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है. फिलहाल प्रयास किया जा रहा है कि इस काम को तेजी से किया जाए, ताकि एक ही प्रोजेक्ट से कई समस्याओं का समाधान निकाला जा सके.

गौर है कि उत्तराखंड में ऊर्जा संकट हमेशा एक बड़ी समस्या रहा है. प्रदेश को खुले बाजार से बिजली खरीदनी पड़ती है. इन हालातों के बीच राज्य का लाइन लॉस कम करना भी बड़ी चुनौती रहा है. इस प्रोजेक्ट के जरिए इस क्षेत्र में भी काम हो सकेगा. माना जा रहा है कि कैपेसिटर बैंक के स्थापित होने के बाद वोल्टेज की गुणवत्ता में सुधार होने से राज्य में सिंचाई और पेयजल योजना की दक्षता में भी वृद्धि होगी.

कैपेसिटर बैंक की स्थापना होने के बाद उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज की समस्या से निजात मिलने की भी बात कही जा रही है. इसके अलावा लाइन लॉस की कमी से बिजली की बचत भी हो सकेगी. साथ ही लाइनों में फॉल्ट की समस्या भी काफी हद तक काम की जा सकेगी. इस दौरान परिवर्तकों के दबाव को भी कम किया जा सकता है.

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