मंडी:हिमाचल प्रदेश में पेड़ों के अंधाधुंध कटान को रोकने और पेड़ों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने कुछ कड़े फैसले लिए हैं. जिसके तहत सरकार ने प्रदेश में पेड़ों की अधिकतर प्रजातियों को काटने व बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. पेड़ कटान को लेकर जहां पहले जारी अधिसूचना में तीन पेड़ों को काटने व बेचने की अनुमति थी, वहीं, अब दो और प्रजाति के पेड़ों को भी काटने की अनुमति मिल गई है. जिसमें सफेदा, पॉपुलर, बांस के अलावा जपानी तूत और ल्यूकेना शामिल है.
"निजी भूमि से अपने इस्तेमाल के लिए काट सकते हैं पेड़, सिर्फ बेचने पर प्रतिबंध" - HIMACHAL TREE FELLING PERMISSION
हिमाचल में प्रदेश सरकार ने 2 और प्रजाति के पेड़ों को काटने की अनुमति प्रदान की है.
By ETV Bharat Himachal Pradesh Team
Published : Jan 22, 2025, 2:26 PM IST
|Updated : Jan 22, 2025, 5:41 PM IST
वहीं, प्रदेश सरकार के इस फैसले से ज्यादातर लोगों में इस बात को लेकर भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी कि क्या ये प्रतिबंध निजी इस्तेमाल के लिए भी लगा है? वन वृत मंडी के मुख्य वन अरण्यपाल अजीत ठाकुर ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया, "प्रतिबंध सिर्फ पेड़ों को काटकर बेचने पर ही लगा है. यदि कोई व्यक्ति अपने निजी इस्तेमाल के लिए पेड़ों को काटना चाहता है तो वह इसके लिए संबंधित रेंज ऑफिसर से अनुमति लेकर उन्हें काट सकता है, लेकिन यह निजी इस्तेमाल गृह निर्माण या बालन आदि के लिए ही होना चाहिए. इसपर किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है."
वन वृत मंडी के मुख्य वन अरण्यपाल अजीत ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा पेड़ों के कटाने को लेकर कुछ समय पहले जो अनुमति दी गई थी, उससे प्रदेश में पेड़ों के कटान का प्रचलन कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था. लोगों ने बड़े स्तर पर पेड़ों को काटकर उन्हें बेचना शुरू कर दिया था. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पेड़ों को काटकर उन्हें बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इसमे पहले तीन प्रजातियों के पेड़ों को ही बेचने की अनुमति दी गई थी. वहीं, अब मंगलवार को राजपत्र में प्रशासित अधिसूचना में 2 और प्रजाति के पेड़ो को काटने की अनुमति दी गई है. इसके अलावा लोग अपने निजी इस्तेमाल के लिए अपनी निजी भूमि से पेड़ों को अनुमति लेकर काट सकता है, उसपर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है.