टीकमगढ़। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ की बात करें, तो टीकमगढ़ की पहचान एक धार्मिक और ऐतिहासिक नगर के तौर पर है. टीकमगढ़ संसदीय सीट में स्थित ओरछा को बुंदेलखंड की अयोध्या कहा जाता है. यहां रामराजा सरकार मंदिर स्थापित है. बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश और पूरे देश में आस्था का केंद्र है. यहां स्थित गढ़कुंडार किला यहां के ऐतिहासिक वैभव की कहानी कहता है. इसके अलावा भी यहां पर कई भव्य महल, ऐतिहासिक किले और छतरियां हैं. राजनीतिक तौर पर भी टीकमगढ़ ने कई हस्तियां देश की राजनीति में दी है. जिनमें उमा भारती और वर्तमान केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार शामिल हैं.
टीकमगढ लोकसभा सीट
टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़, जतारा और खरगापुर विधानसभा, निवाड़ी जिले की पृथ्वीपुर और निवाड़ी विधानसभा और छतरपुर जिले की महाराजपुर और बिजावर सीट को शामिल किया गया है. टीकमगढ़ सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख 47 हजार और 399 है. जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 7 लाख 71 हजार 900 मतदाता है. वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 75 हजार 470 और थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 29 है.
टीकमगढ़ सीट एक परिचय
देश के पहले लोकसभा चुनाव के साथ 1952 में टीकमगढ़ लोकसभा सीट अस्तित्व में आ गयी थी. जिसमें कई जिलों की सीटों को शामिल किया गया था. ये सीट अब तक चार बार परिसीमन के कारण प्रभावित हो चुकी है. टीकमगढ़ लोकसभा सीट का वर्तमान स्वरूप 2009 लोकसभा के चुनाव से अस्तित्व में आया. टीकमगढ़ 1977 से लेकर 2008 तक खजुराहो लोकसभा का हिस्सा रही और इसमें टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़, खरगापुर, निवाड़ी, जतारा और छतरपुर जिले की छतरपुर, महाराजपुर, चंदला और बिजावर सीट शामिल रही, लेकिन 2008 के परिसीमन में टीकमगढ़ सीट खजुराहो से हटकर अस्तित्व में आयी और अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हो गयी.
लोकसभा चुनाव 2009
2008 के परिसीमन के बाद खजुराहो लोकसभा से हटकर अलग अस्तित्व में आयी. टीकमगढ़ सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हुई. बुंदेलखंड की सागर सीट जो पहले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी, वो अनारक्षित होने के कारण सागर के लगातार सांसद रहे वीरेन्द्र खटीक को टीकमगढ़ से चुनाव मैदान में उतारा गया. भाजपा प्रत्याशी वीरेन्द्र कुमार को 2 लाख 109 वोट हासिल हुए. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी वृंदावन अहिरवार के लिए एक लाख 58 हजार 247 मत हासिल हुए और इस तरह वीरेन्द्र कुमार 41 हजार 862 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए.
लोकसभा चुनाव 2014
लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के बीच वीरेन्द्र कुमार फिर भाजपा प्रत्याशी बने और उन्हें 4 लाख 22 हजार 979 वोट हासिल हुए. उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के कमलेश अहिरवार के लिए 2 लाख 14 हजार 248 वोट मिले. इस तरह वीरेन्द्र कुमार 2 लाख 8 हजार 731 वोटों से चुनाव जीत गए.
लोकसभा चुनाव 2019
लोकसभा 2019 में वीरेन्द्र कुमार भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर फिर मैदान में थे. इस बार उन्हें 6 लाख 72 हजार 248 वोट मिले. वहीं उनके निकटम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की किरण अहिरवार को 3 लाख 24 हजार 189 मत मिले. इस तरह वीरेन्द्र कुमार लगातार तीसरी बार 3 लाख 48 हजार 59 मतों से जीत गए.