फरीदाबाद:हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम पार्टियां लोगों के बीच जाकर वोटिंग अपील कर रहे हैं. वहीं, सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह भी मिल चुके हैं. ऐसे में जिन पार्टियों के कैंडिडेट ने उन्हें टिकट नहीं दिया, वह अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. इसी में से एक है तिंगाव विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी ललित नागर. ललित नागर 2014 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत कर तिगांव विधानसभा से विधायक बने थे. उसके बाद 2019 में वह बीजेपी के प्रत्याशी राजेश नागर के खिलाफ चुनाव लड़े और हार गए.
निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला: वहीं, 2024 चुनाव को लेकर ललित नागर को पूरा भरोसा था कि उन्हें पार्टी टिकट देगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि ललित नागर भूपेंद्र हुड्डा के काफी करीबियों में शुमार थे. टिकट न मिलने की वजह से उन्होंने कांग्रेस पार्टी का दामन छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया और अब निर्दलीय चुनाव लड़ने मैदान में कूद गए हैं. ललित नागर का एक वीडियो खूब वायरल हुआ था. जिसमें टिकट कटने के बाद वे रोते हुए भी नजर आए और पार्टी के नेताओं पर निशाना भी साधा. बहरहाल अब वह निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए हैं.
'पंचायत का फैसला माना': ईटीवी भारत के कार्यक्रम क्या बोले नेता जी में ललित नागर ने कहा कि पिछले 20 साल से कांग्रेस की सेवा कर रहा था. मुझे अंदाजा नहीं था मैं सपने में भी नहीं सोच रहा था कि मेरी टिकट कट जाएगी. लेकिन मेरी टिकट उन्होंने काट दी. टिकट के कटने के बाद एक महापंचायत हुई. उस पंचायत में मुझे कहा गया की टिकट पर ही चुनाव नहीं लड़ा जाता, बल्कि निर्दलीय भी चुनाव लड़ा जाता है. निर्दलीय भी चुनाव में जीतकर आते हैं. मैंने पंचायत का फैसला माना और निर्दलीय पर्चा भर दिया.
'कांग्रेसी नेताओं में मेरे खिलाफ रचा षड्यंत्र': हालांकि नॉमिनेशन से पहले मुझे तीन-चार पार्टियों से भी ऑफर आया कि आप हमारे पार्टी से चुनाव लड़िये. लेकिन मैंने मेरी जनता ने साफ तौर पर मना कर दिया और कहा कि आप किसी भी पार्टी से नहीं बल्कि आप निर्दलीय चुनाव लड़िये. हम आपके साथ हैं, जनता की फैसले के बाद मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया. मेरी टिकट काटने की वजह है, पैसों का लेनदेन प्रत्याशी ने मोटा पैसा देकर टिकट ली है. कांग्रेस पार्टी ने तिगांव से एक डीलर को टिकट दिया है. 8 तारीख को कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार की जमानत जब्त होने वाली है. कांग्रेस पार्टी में ही मौजूद दो-तीन लोगों ने मेरे खिलाफ षडयंत्र किया और मेरी टिकट काट दी.