शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार फिर से कर्ज का घी पीने जा रही है. वित्त विभाग ने पांच सौ करोड़ रुपए के लोन की अधिसूचना जारी कर दी है. ये लोन 15 साल के लिए लिया जा रहा है. इसके लिए 12 नवंबर को ऑक्शन होगी. ये कर्ज 15 साल के लिए लिया जाएगा. इसे वर्ष 2039 तक चुकाया जा सकेगा. हिमाचल सरकार के वित्त विभाग के सचिव अभिषेक जैन की तरफ से इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है. अब राज्य सरकार के पास दिसंबर महीने तक महज 517 करोड़ रुपए की लोन लिमिट रह गई है. उसके बाद वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के लिए अलग से लोन लिमिट सेंक्शन होगी.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने दिवाली से पहले कर्मचारियों को एडवांस वेतन और पेंशनर्स को एडवांस पेंशन दी थी. राज्य सरकार ने अक्टूबर महीने में पहले 600 करोड़ रुपए लोन लिया था. फिर सितंबर में 700 करोड़ का कर्ज उठाया था. अब फिर से पांच सौ करोड़ रुपए का लोन लेने जा रही है. ऐसे में सितंबर से लेकर अब तक 1800 करोड़ रुपए कर्ज लिया जा चुका है. अब दिसंबर में सरकार के पास 517 करोड़ रुपए कर्ज लेने की लिमिट बची है. अब राज्य सरकार पर कुल मिलाकर 88 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज हो गया है.
सुखविंदर सरकार फिर लेगी 500 करोड़ का लोन (नोटिफिकेशन) सरकार को हर महीने वेतन व पेंशन के लिए 2000 करोड़ रुपए की जरूरत होती है. इसमें से 1200 करोड़ रुपए वेतन और 800 करोड़ रुपए पेंशन पर खर्च होते हैं. सरकार के लिए इसी पैसे का इंतजाम करना टेढ़ी खीर साबित होता है. इस समय की स्थितियों को देखें तो राज्य सरकार के पास दिसंबर तक का समय निकालने का इंतजाम हो जाएगा. सरकार को दिसंबर महीने के लिए 2000 करोड़ रुपए चाहिए. सरकार को आरडीजी का 520 करोड़ रुपए मिलेगा, खुद के टैक्स व नॉन टैक्स रेवेन्यू के 1200 करोड़ रुपए से अधिक आएंगे.
इसके अलावा 500 करोड़ रुपए लोन लिया जा रहा है. दिसंबर महीने में भी लोन लेकर काम चलाना पड़ेगा. जनवरी के वेतन के लिए ये लोन लेंगे. राज्य सरकार के कर्ज लेने की रफ्तार देखें तो अब तक 39 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया जा चुका है. हिमाचल सरकार में पूर्व में वित्त सचिव रहे केआर भारती का कहना है कि कर्ज लेना मजबूरी हो गई है. राज्य के पास खुद के संसाधन खास नहीं हैं। आने वाले समय में स्थितियां और जटिल हो जाएंगी.
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