कोरिया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में मिलेट्स उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अभियान की शुरुआत की थी.जिसके तहत रागी,बाजरा, कोदो और ज्वार जैसे पारंपरिक अनाज को अपने आहार में शामिल करने का संकल्प लिया गया था.इस अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मिलेट्स कैफे की शुरुआत की गई.जिनमें पारंपरिक अनाज से बने व्यंजनों को लोगों के लिए तैयार किया गया. इन व्यंजनों का स्वाद इतना बढ़िया था कि एक बार इन्हें खाने के बाद लोग मिलेट्स कैफे की ओर आने लगे. कोरिया जिले के बैकुंठपुर में भी मिलेट्स कैफे की शुरुआत हुई. मौजूदा समय में इस कैफे ने लोगों को अपनी ओर खींचा है. कोरिया मिलेट्स कैफे में बनने वाले उत्पादों की मांग दिन ब दिन बढ़ने लगी है.इस कैफे की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में कारगर :बैकुंठपुर का मिलेट्स कैफे महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास, और पारंपरिक व्यंजनों को बढ़ावा देने का उत्कृष्ट उदाहरण बन चुका है. कैफे की प्रमुख संचालनकर्ता हिना खान हैं. हिना ने बताया कि 2023 में इस कैफे की शुरुआत हुई. पहले लोगों को पता नहीं था, लेकिन अब सभी जानते हैं.कोरिया मिलेट्स कैफे में रागी, बाजरा, कोदो, ज्वार जैसे पारंपरिक अनाज से तैयार स्वादिष्ट और स्वादवर्धक व्यंजन बनाए जाते हैं.
ज्यादातर लोगों को मिलेट्स के बारे में कम जानकारी है.लेकिन जबसे कैफे खुला तब से स्थानीय लोग मिलेट्स के बारे में जानने लगे.यहां बनने वाले व्यंजनों की मांग तेजी से बढ़ रही है. स्थानीय किसानों से मिलेट्स की खरीदारी कर उन्हें बेहतर आय दिया जा रहा है. कैफे में रागी चिल्ला, बाजरे की खीर, ज्वार के गुलाब जामुन जैसे व्यंजन ग्राहकों के बीच काफी ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं - हिना खान, संचालिका,कोरिया मिलेट्स कैफे
मिलेट्स कैफे में 36 दीदियां करती हैं काम :कोरिया मिलेट्स कैफे में काम करने वाली मुस्कान ने बताया कि '' यहां काम करते हुए लगभग डेढ़ साल हो चुका है.इस कैफे की मदद से ना सिर्फ खुद के लिए आय अर्जित की है बल्कि परिवार को भी आर्थिक तौर पर सशक्त बनाया है.'' मुस्कान के मुताबिक उन्होंने कैफे की आय से सबसे पहले अपने लिए स्कूटी खरीदी. इसी तरह कैफे वर्कर कविता ने कहा कि ''शुरुआत में गांव के लोग कैफे में काम करने से रोका करते थे. लेकिन पिता के सहयोग से यह अवसर चुना.अब पढ़ाई भी चल रही है और घर की आर्थिक जरूरतें पूरी कर पा रही हूं.'' वहीं कैफे की मैनेजमेंट टीम का हिस्सा सुषमा सिंह की मानें तो अब तक कैफे ने 1 करोड़ 26 लाख से ज्यादा का बिजनेस कर लिया है.
मेरी घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी.पैसे मांगने में हिचकिचाहट होती थी.फिर मैं मिलेट्स कैफे में काम करने के लिए आई.डेढ़ साल से यहां काम कर रही हूं. 19 महीने के भीतर कैफे ने 1 करोड़ 26 लाख का टर्नओवर पूरा किया है. यहां काम करके मैंने स्कूटी खरीदी और अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी कर रही हूं.यहां 36 दीदियां मिलकर काम को संभाल रही हैं.हम चाहते हैं कि मिलेट्स कैफे आगे भी खूब चले और लोगों को स्वाद मिले-सुषमा सिंह, मैनेजमेंट टीम की सदस्य