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हरियाणा का यह किसान स्ट्रॉबेरी की आधुनिक खेती से कमा रहा लाखों, अन्य लोगों को भी दिया रोजगार

Haryana Strawberry Farming: सोनीपत के किसान दिनेश कुमार स्ट्रॉबेरी की आधुनिक खेती से लाखों रुपये कमा रहे हैं. साथ ही उन्होंने करीब 40 लोगों को रोजगार भी दिया है. जिसके चलते दिनेश अन्य किसानों के लिए भी मिसाल बन रहे हैं.

Haryana Strawberry Farming
Haryana Strawberry Farming

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 8, 2024, 10:59 PM IST

आधुनिक खेती से हो रहा फायदा

सोनीपत: हरियाणा में किसान परंपरागत खेती छोड़कर आधुनिक खेती अपना रहे हैं. जिससे वो लाखों रुपये का मुनाफा तो कमा ही रहे हैं, साथ ही अन्य बेरोजगार लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं. ऐसे ही एक किसान गन्नौर के गांव खेड़ी गुज्जर निवासी दिनेश कुमार हैं. उन्होंने परंपरागत खेती छोड़ कर आधुनिक खेती अपनाते हुए स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की. स्ट्रॉबेरी की खेती से वह हर वर्ष लाखों रुपये कमा रहे हैं और दूसरे किसानों के लिए मिसाल बन रहे हैं. गांव खेड़ी गुज्जर निवासी दिनेश ने बताया कि उसके पिता भी परंपरागत खेती करते हैं.

लाखों रुपये से हुई कमाई की शुरुआत: किसान दिनेश ने कुछ अलग करने की ठानी और वह 2021 में बजाना गांव के एक किसान प्रवीण से मुलाकात की. प्रवीण काफी समय से स्टोबैरी की खेती कर रहे थे. दिनेश ने भी प्रवीण के पास स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में जानकारी ली. शुरू में उनके घर वालों ने स्ट्रॉबेरी की खेती करने से इंकार किया, लेकिन दिनेश ने मन में कुछ अलग करने की ठान रखी थी और उसके बाद उन्होंने 2022 में आधा एकड़ से स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत की. इस खेती की शुरुआत में खर्च निकाल कर 7 महीने की खेती में दिनेश ने करीब ढाई लाख रुपये की बचत की. जिसके बाद उनके हौसले बुलंद हो गए और घर वालों का भी साथ मिल गया.

लाखों की कमाई से हौसले बुलंद: इसके बाद दिनेश ने अपनी खेती को आगे बढ़ाया और 2 एकड़ में फसल की शुरुआत कर दी. दो एकड़ की फसल में उसे करीब 20 लाख रुपये खर्च आया और दो एकड़ में करीब 10 से 12 लाख रुपये की बचत हुई. उसने अपनी खेती को आगे बढ़ाया और खेती आधा एकड़ से शुरुआत करने के बाद अब चार एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. जिससे वह हर साल लाखों की कमाई कर रहे हैं.

ऐसे होती है स्ट्रॉबेरी फसल की शुरुआत: दिनेश ने बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत सितंबर में की जाती है और अप्रैल में खेती खत्म हो जाती है. स्टोबैरी के बीज वह पुणे से मंगवाते हैं और खेतों को अच्छी तरह से साफ करके लाइने बना दी जाती है. जिसमें स्ट्रॉबेरी का बीज लगा दिया जाता है. बीज लगाने के बाद जमीन को पॉलीथिन से ढका जाता है, ताकि फसल खराब न हो. कुछ दिनों बाद फसल आनी शुरू हो जाती है. जिसे वह बाजार में बेच देते हैं.

लोगों को दिया रोजगार: दिनेश ने बताया कि उनके पास करीब 40 लोग काम करते हैं. जब उन्होंने आधुनिक खेती की शुरुआत की थी तो सिर्फ 3 लोगों के साथ मिलकर काम करना शुरू किया था. अब वह खेती के साथ-साथ करीब 40 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. अब उनके पास दूसरे किसान भी स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में जानकारी लेते हैं. वह दूसरे किसानों के लिए भी मिसाल बन रहे हैं.

स्ट्रॉबेरी से होता है लाखों का मुनाफा: दिनेश ने बताया कि इस फसल पर लाखों रुपये का खर्च आता है. उन्होंने बताया कि एक एकड़ में करीब 4 से 5 लाख रुपये खर्च आता है और एक एकड़ में करीब 10-12 लाख रुपये की बचत होती है. स्टोबैरी की मांग आजादपुर मंडी के अलावा गुवाहाटी, नागपुर में भी है. जहां पर उनकी स्टोबैरी की डिमांड लगातार बढ़ रही है. उनका कहना है कि इस फसल से काफी अच्छी आमदनी हो जाती है.

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