सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के विकासखंड तिलोरधार की चांदनी पंचायत के अंतर्गत आने वाले तीन गांवों के ग्रामीण बरसात से पहले सहमे हुए हैं. क्योंकि हर साल बरसात में यहां स्थानीय खड्ड पानी के साथ तबाही लेकर आता है. पिछली बरसात में भी यहां लोगों के घरों सहित फसलों को बड़ा नुक्सान हुआ था. हालात यह है कि ग्रामीण 1978 से समस्या के समाधान की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी फरियाद पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
मानसून से पहले ग्रामीणों ने डीसी से लगाई गुहार: कुछ ही दिनों में हिमाचल प्रदेश में मानसून दस्तक देने वाली है. लिहाजा अंबोण, जांदनिया और खादर गांवों के ग्रामीण एक बार फिर अपनी फरियाद लेकर चांदनी पंचायत प्रधान के नेतृत्व में डीसी सिरमौर सुमित खिमटा के पास पहुंचे और उन्हें एक ज्ञापन सौंप समस्या के समाधान की गुहार लगाई है.
1978 से चली आ रही है समस्या:ग्रामीण रमेश कुमार पुंडीर ने कहा कि गांव अम्बोन, जांदनिया और खादर गांवों में अम्बोन और घुंडाना खड्ड ही समस्या 1978 से चली आ रही है. हर वर्ष बरसात के मौसम में 4 से 5 घर बेघर हो जाते हैं. लिहाजा बरसात के मौसम में लोगों को टैंट लगाकर सड़क या सुरक्षित जगहों पर रहना पड़ता है. बरसात के मौसम में पशुओं को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
हर साल बरसात में होता है नुकसान: इन तीनों गांव के ग्रामीणों के पास खेती और पशुधन से दूध बेचने के सिवाए आजीविका का भी कोई साधन नहीं है. पिछली बरसात में कई पशु खड्ड में भी चले गए. लोगों का भी काफी नुकसान हुआ है. 3-4 घर मलबे की चपेट में आ गए थे. जमीन बर्बाद होने के कारण रोजी रोटी का भी संकट खड़ा हो गया है. पिछले वर्ष की हालत को देखते हुए इस बार काफी लोगों ने अपनी फसलें भी नहीं बिजी है. यदि बीजते भी है, तो खड्ड का पानी इतना अधिक आता है कि सब कुछ बहाकर ले जाता है.