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बांधवगढ़ के जंगल में चल रही है अनोखी प्रेम कथा, फिर दिवानी हुई अनारकली, अपने 'सलीम' संग फरार - Anarkali Elephant Love Story - ANARKALI ELEPHANT LOVE STORY

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के रिजर्व कैंप की एक हथिनी से एक जंगली हाथी को प्यार हो गया है. हाथिनी का नाम अनारकली है इसलिए दोनों के प्रेम को सलीम और अनारकली के प्रेम के रुप में देखा जा रहा है. इन दोनों की प्रेम कहानी के किस्से चर्चाओं में हैं. हाथी ने तो कई बार हथिनी को अपने साथ भगाने का भी प्रयास किया है, जिसमें एक बार सफल भी रहा है.

ANARKALI ELEPHANT LOVE STORY
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी-हथिनी की प्रेम कहानी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 21, 2024, 8:29 PM IST

शहडोल: आपने सलीम और अनारकली के प्रेम के किस्से खूब सुने होंगे. वो भले ही अब इस दुनिया में नही हैं, लेकिन उनकी प्रेम कहानी आज भी प्रासंगिक है. एक बार फिर से एक और अनारकली की प्रेम कहानी शुरू हो गई है. लेकिन इस बार की अनारकली कोई इंसान नहीं बल्कि एक हथिनी है. उसके प्रेमी का नाम बेशक सलीम न हो लेकिन प्यार वही है. मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की यह प्रेम कहानी अब किसी से छुपी नहीं है. हर किसी के जुबान पर इनके इश्क के चर्चे हैं. आइए इस प्रेम कहानी के बारे में थोड़ी चर्चा हम भी कर लेते हैं.

14 साल की उम्र में बांधवगढ़ लाई गई थी अनारकली

साल 1978 में एशिया के सबसे बड़े पशु मेले, बिहार के सोनपुर से एक हथिनी को खरीदकर एमपी के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व लाया गया था. इसका नाम 'अनारकली' रखा गया. उस समय इसकी उम्र 14 साल थी. इसको टाइगर रिजर्व क्षेत्र के रिजर्व कैंप में रखा गया था. समय तेजी से आगे बढ़ा और 2012 में इसने एक नर बच्चे को जन्म दिया. जिसका नाम सूर्या है. इसके 3 साल बाद 2015 में एक और नर गणेश को जन्म दिया. प्रकृति की यह क्रिया आगे बढ़ी और 2018 में तीसरी बार अनारकली को मातृत्व सुख मिला और इस बार उसने मादा को जन्म दिया जिसका नाम लक्ष्मी रखा गया. उसने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों के कुनबे को और बढ़ाते हुए 2021 में गायत्री को जन्म दिया.

अनारकली ने तीन महीने पहले एक पांचवे बच्चे को जन्म दिया है (ETV Bharat)

अनारकली को भगा ले गया था जंगली हाथी

धीरे-धीरे समय आगे बढ़ रहा था तभी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में रहने वाले एक मदमस्त जंगली हाथी की नजर अनारकली पर पड़ी और दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया. उस हाथी का पालतू हाथियों के कैंप में आना-जाना हो गया. टाइगर रिजर्व के कर्मचारी बताते हैं कि, सलीम ने दो बार अनारकली को अपने साथ कैंप से भगाने की भी कोशिश की, लेकिन वन कर्मियों ने उसके इस इरादे पर पानी फेर दिया. हालांकि एक बार उसने सभी को चकमा देकर अनारकली को अपने साथ जंगल में भगा भी ले गया था. लेकिन फिर से हथिनी को कड़ी मशक्कत के बाद ढूंढ कर वापस लाया गया. अनारकली ने अभी हाल ही में 3 महीने पहले अपने 5वें बच्चे को जन्म दिया था. जो कि एक नर हाथी है.

5 बच्चों को जन्म दे चुकी है हथिनी अनारकली

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र के उपसंचालक पीके वर्मा बताते हैं कि, 'रिजर्व कैंप में मेल हाथी भी है जिससे अनारकली की मीटिंग होती है, लेकिन अनारकली को पांचवा बच्चा होने से कुछ समय पहले एक जंगली हाथी आया था और वह इसे अपने साथ जंगल लेकर गया था. दो दिन में हमने अनारकली को ढूंढ लिया था और उसको वापस कैंप में ले आए थें. यह घटना हथिनी के प्रेग्नेंट होने के कुछ दिनों पहले की है. ऐसा कई बार हो चुका है कि जंगली हाथी आता है और वह अनारकली को अपने साथ जंगल ले जाने की कोशिश करता है.'

हथिनी की उम्र 60 साल हो गई है

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में रह रही अनारकली पिछले कई दशकों से वन प्रबंधन कर्मियों की मदद करती आ रही है. चाहे बाघों का रेस्क्यू करना हो चाहे किसी दुर्गम जगह पर जाकर वन्य प्राणियों की मदद करनी हो, अनारकली हर परिस्थिती में सफल साबित होती है. इस हथिनी की उम्र 60 साल हो गई है. जानकारों के अनुसार, अफ्रीकन हाथी की औसत उम्र 70 साल होती है. वहीं, एशियाई हाथियों की औसत उम्र 65 साल के करीब होती है.

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अब बाघ नहीं हाथियों के लिए भी पहचान

वैसे तो उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र की पहचान बाघों की दहाड़ के लिए है. लेकिन 2018 के बाद से यह टाइगर रिजर्व हाथियों के लिए भी जाना जाने लगा. साल 2018 में करीब 40 हाथी छत्तीसगढ़ की ओर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पहुंचे थे. उनको यह जंगल भा गया और उन्होंने इसे अपना स्थाई ठिकाना बना लिया. वर्तमान में इनकी संख्या करीब 65 हो गई है. अब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में जंगली हाथियों की चहल कदमी बढ़ गई है.

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