भोपाल। सागर के खुरई में 24 अगस्त 2023 को दलित समाज के एक युवक की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद 25 मई 2024 को इस मामले में दबंगों से समझौता नहीं करने पर मृतक युवक के चाचा की भी हत्या कर दी गई. वहीं चाचा का शव भोपाल से खुरई ले जाते समय 27 मई 2024 को युवक के बहन की एंबुलेंस से गिरने की वजह से संदेहास्पद स्थिति में मृत्यु हो जाती है. इस मामले की स्वतंत्र जांच कर रही फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्यों का आरोप है कि ये तीनों हत्याएं दबंग और दलितों के बीच चल रही सामंती सोच का नतीजा है, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के कारण दबंगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है. अभी भी अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं.
इसलिए पुलिस की जांच पर उठ रहे हैं सवाल
दरअसल, खुरई के बरौदिया नैनागिर में लंबे समय से दबंगों और दलित परिवारों के बीच संघर्ष चल रहा है. फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की माधुरी का आरोप है कि यहां के दबंग लोग दलितों से जबरदस्ती खेतों में काम कराते हैं और उन्हें पूरी मजदूरी भी नहीं देते हैं. ऐसे में गांव के अहिरवार समाज के लोग उनके खेतों में न तो काम करने जाते थे और न ही उनका सम्मान करते थे. इसी को लेकर दबंग लोग मृतक युवक के परिवार वालों पर आए दिन दबाव बनाते और मारपीट करते थे. जब इसकी शिकायत पुलिस के आला अधिकारियों से की गई, तो दलित परिवार की सुरक्षा के लिए युवक के घर के बाहर सीसीटीवी के साथ पुलिस बल तैनात कर दिया गया, लेकिन हत्या से 10 दिन पहले ही बिना किसी सूचना के पुलिस बल हटा लिया जाता है. वहीं घटना से पहले घर के बाहर लगा सीसीटीवी भी बंद हो जाता है.
दलित परिवार ने लगाया एक तरफा कार्रवाई का आरोप
मृतक के परिजनों का आरोप है कि जिस दिन नितिन की लाठी-डंडों से पीटकर हत्या की गई, उस दिन उसकी मां के साथ भी मारपीट हुई थी. उसका हाथ तोड़ दिया गया और निर्वस्त्र किया गया था, लेकिन पुलिस ने केवल हत्या की एफआईआर दर्ज की थी. वहीं इस हत्या में 10 से 12 लोगों शामिल थे. जिसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया, लेकिन पुलिस ने केवल 5 लोगों के नाम ही एफआईआर में लिखा. वहीं मृतक के भाई पर लड़ाई-झगड़े समेत अन्य केस लगकार उसे जिला बदर कर दिया गया, लेकिन दबंगों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया.
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने की सीबीआई जांच कराने की मांग