जयपुरःराजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के जलग्रहण क्षेत्रों और नदियों सहित जल स्रोतों में अतिक्रमण और अवैध निर्माण को लेकर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से रिपोर्ट पेश कर बताने को कहा है कि नदियों सहित जल स्रोतों के आसपास अतिक्रमण और अवैध निर्माण रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?. वहीं, अदालत ने मामले में जल शक्ति मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, मुख्य सचिव, एसीएस गृह और एसीएस पीएचईडी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिए.
यह कहा अदालत नेः अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि क्यों ना जल स्रोतों के संरक्षण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कमेटी के साथ ही संभाग स्तरीय और जिला स्तरीय कमेटी गठित की जाए. साथ ही क्यों ना जल स्रोतों से अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाकर उन्हें मूल स्वरूप में लाया जाए. अदालत ने अधिकारियों से यह भी बताने को कहा है कि क्यों न जल स्रोतों की सेटेलाइट और ड्रोन सहित ऑनलाइन तरीके से मॉनिटरिंग की जाए. इसके अलावा क्यों ना इनकी देखरेख के लिए अलग से नियंत्रण कक्ष बनाएं और जन जागरूकता के लिए वेबसाइट और टोल फ्री नंबर जारी किए जाएं.