धर्मशाला: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के 7 वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया. इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा परिवर्तन प्रकृति का नियम है, लेकिन अतीत में बदलाव की गति इतनी तेज नहीं थी. आज हम चौथी औद्योगिक क्रांति के युग में हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग जैसे नए क्षेत्र तेजी से उभर रहे हैं. परिवर्तन की गति और परिमाण दोनों ही बहुत अधिक हैं, जिसके कारण प्रौद्योगिकी और आवश्यक कौशल बहुत तेजी से बदल रहे हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा 21वीं सदी की शुरुआत में कोई नहीं जानता था कि अगले 20 या 25 वर्षों में लोगों को किस तरह के कौशल की आवश्यकता होगी. इसी तरह, कई मौजूदा कौशल अब भविष्य में उपयोगी नहीं रहेंगे. इसलिए हमें लगातार नए कौशल अपनाने होंगे. हमारा ध्यान लचीला दिमाग विकसित करने पर होना चाहिए. ताकि युवा पीढ़ी तेजी से हो रहे बदलावों के साथ तालमेल बिठा सके. हमें छात्रों में सीखने की जिज्ञासा और इच्छा को मजबूत कर, उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना होगा.
शिक्षकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो छात्रों को शिक्षित करने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाए और उनके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करे. शिक्षा का उद्देश्य छात्रों में अपनी संस्कृति, परंपरा और सभ्यता के प्रति जागरूकता लाना भी है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस संबंध में शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. उनका कार्य क्षेत्र केवल शिक्षण तक ही सीमित नहीं है, उन पर देश के भविष्य के निर्माण की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है.