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Delhi: दिल्ली में पहले के सालों की तुलना में अक्टूबर में प्रदूषण का बढ़ा ग्राफ

दिल्ली में प्रदूषण कम करने के दावे फेल. चार सालों से अक्टूबर में प्रदूषण का बढ़ा ग्राफ.

दिल्ली में पहले के सालों की तुलना में अक्टूबर में प्रदूषण का बढ़ा ग्राफ
दिल्ली में पहले के सालों की तुलना में अक्टूबर में प्रदूषण का बढ़ा ग्राफ (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 4 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की तरफ से प्रदूषण की रोकथाम के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. इसके बावजूद लोगों को प्रदूषण से निजात नहीं मिल पा रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े देखें तो साल 2021 की से अब तक अक्टूबर में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. पर्यावरणविद् की मानें तो दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वाहनों की संख्या निर्माण और अन्य कारणों से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है.

सीपीसीबी के आंकड़ों पर गौर करें तो अक्टूबर में पिछले 4 साल से प्रदूषण लगातार बढ़ता आ रहा है. 2024 में 22 अक्टूबर को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 327 दर्ज किया गया. जबकि, 2023 में 22 का एक्यूआई 313 दर्ज किया गया था. 2022 में 22 अक्टूबर का एक्यूआई 265 और 2021 में 22 अक्टूबर का एक्यूआई 170 दर्ज किया गया था.

ETV Bharat ने 15 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक 2021 से 2024 तक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर अध्ययन किया तो पता चला कि अक्टूबर में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. एक तरफ दिल्ली सरकार दावा कर रही है कि उनके तमाम प्रयासों से प्रदूषण के स्तर में गिरावट आ रही है, लेकिन आंकड़े विपरीत स्थिति बयां कर रहे हैं.

पिछले 4 साल से अक्टूबर में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण (ETV BHARAT)
पिछले 4 साल से अक्टूबर में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण (ETV BHARAT)

आने वाले समय में और भयावह होगी स्थिति:दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और पर्यावरणविद् डॉ. जितेंद्र नागर का कहना है कि प्रदूषण बढ़ने के कई कारण हैं, जिसमें वाहन प्रमुख कारण है. वाहनों की संख्या बढ़ रही है. निर्माण कार्य लगातार चल रहे हैं. वाहनों से धुएं और धूल का प्रदूषण होता है. इंडस्ट्री से भी प्रदूषण हैं. इन सब कारणों से प्रदूषण हो रहा है.

पिछले 4 साल से अक्टूबर में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण (ETV BHARAT)
पिछले 4 साल से अक्टूबर में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण (ETV BHARAT)

अक्टूबर में ह्यूमिडिटी ज्यादा होती है. ऐसे में प्रदूषण के कण ऊपर नहीं जाते हैं. वो वायुमंडल में ही रह जाते हैं. इससे प्रदूषण बढ़ जाता है. अगर इसी तरह प्रदूषण बढ़ता रहा तो आने वाले समय में स्थिति भयावह हो जाएगी. प्रदूषण से शारीरिक बीमारियों के साथ मानसिक बीमारियां भी बढ़ेंगी.

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