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हरिद्वार में कांटे की टक्कर! दिग्गजों की मौजूदगी से रोचक हुआ मुकाबला, धर्मनगरी से तय होगा तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों का राजनीतिक भविष्य - Lok Sabha Election Results 2024 - LOK SABHA ELECTION RESULTS 2024

Uttarakhand Lok Sabha Election 2024, Haridwar Lok Sabha Seat: उत्तराखंड की हरिद्वार लोकसभा सीट पर दमदार मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां एक दो नहीं बल्कि प्रदेश के तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.

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हरिद्वार में कांटे की टक्कर! (ईटीवी भारत ग्राफिक्स)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 18, 2024, 11:37 AM IST

Updated : Jun 3, 2024, 3:54 PM IST

हरिद्वार:उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर कल 4 जून को काउंटिंग होनी है. काउंटिंग से पहले आज ईटीवी भारत आपको उत्तराखंड की उस सीट के बारे में बताता है, जहां से उत्तराखंड के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों का राजनीति भविष्य तय होना है. हम बात कर है कि उत्तराखंड की सबसे हॉट सीट मानी जा रही हरिद्वार लोकसभा सीट की, जहां पर तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. तीनों में एक मुख्यमंत्री पर जहां खुद को जीतकर साबित करना है, तो वहीं दो मुख्यमंत्रियों के कंधों पर अपने प्रत्याशियों को जिताने की जिम्मेदारी है.

उत्तराखंड में सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला हरिद्वार लोकसभा सीट पर ही देखने को मिल रहा है. हरिद्वार से जहां बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को मैदान में उतार रखा है तो वहीं उन्हें जिताने की जिम्मेदारी प्रदेश के एक और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के कंधों पर है.

लोकसभा चुनाव 2024 (ईटीवी भारत ग्राफिक्स)

निशंक प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहने के साथ-साथ वर्तमान में हरिद्वार सांसद भी हैं. निशंक बीते दो चुनाव से लगातार यहां से लोकसभा चुनाव जीते थे. इसीलिए उन पर पार्टी प्रत्याशी को यहां से जिताने का भारी दबाव है. माना जा रहा है कि हरिद्वार लोकसभा सीट से बीजेपी की जीत के साथ ही निशंक का आगे का राजनीतिक रास्ता भी तय होगा.

कुछ इसी तरह की स्थिति पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ भी है. मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी थी. हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 में हरिद्वार से टिकट देकर बीजेपी ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर फिर से भरोसा जताया है. पार्टी हाईकमान के इस भरोसे पर खरा उतरने और इस अवसर को भुनाने का त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास इससे अच्छा मौका नहीं है. यदि त्रिवेंद्र सिंह रावत इस परीक्षा में पास होते हैं तो शायद बीजेपी उन्हें इसका कोई बड़ा इनाम भी दे.

पिछला रिकॉर्ड (ईटीवी भारत ग्राफिक्स)

दूसरी तरफ बात की जाए तो उत्तराखंड के ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का राजनीतिक भविष्य भी इसी सीट से तय होगा. दरअसल, हरीश रावत पर अपने बेटे और कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत को जिताने की जिम्मेदारी है. क्योंकि हरीश रावत ही अपने बेटे वीरेंद्र रावत को कांग्रेस हाईकमान से टिकट दिलाकर लाए थे. हरीश रावत पर हरिद्वार लोकसभा सीट को जिताने का कितना दबाव है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस चुनाव में हरीश रावत चुनाव प्रचार के लिए हरिद्वार लोकसभा सीट से बाहर तक नहीं निकले हैं.

ये चुनाव न सिर्फ हरीश रावत और वीरेंद्र के लिए आगे का रास्ते खोलेगा, बल्कि पार्टी में हरीश रावत का कद भी तय होगा. क्योंकि बीते कई चुनावों से हरीश रावत को लगातार एक के बाद एक हार का सामना करना पड़ा है. हरीश रावत को अपने आप को साबित करने का शायद राजनीति में ये आखिरी मौका भी हो सकता है.

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Last Updated : Jun 3, 2024, 3:54 PM IST

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