इंदौर :हाल ही में इंदौर में उजागर हुए ऐसे दो मामलों में पता चला है कि इस तरह के फोन कॉल पाकिस्तान अफगानिस्तान और चीन सीमा से लगे इलाकों से किए जा रहे हैं. इसके पीछे एक बहुत बड़ा नेटवर्क भी सक्रिय है. भारतीय नागरिकों से ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे अपराधियों तक पहुंच पाना पुलिस या साइबर सेल के बस की बात भी नहीं है. इसके पीछे कई वजह बताई गई हैं.
पाकिस्तान से आ रहे फ्रॉड कॉल
दरअसल, इंदौर की संस्था सर्वधर्म संघ के मंजूर बेग को एक ऐसा ही फ्रॉड कॉल आया, जिसमें डिस्प्ले फोटो में किसी बड़े अधिकारी का आईडी फोटो लगा. वहीं डिस्प्ले नेम विजय कुमार था. इस फोन कॉल को रिसीव करने पर संबंधित ठग ने मंजूर बेग को सीधे धमकाते हुए कहा कि आपके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी है, यदि इससे बचना है तो आप संबंधित खाते में पैसे डालें. इस तरह बार-बार फोन आने पर जब मंजूर बेग ने पड़ताल की तो पता चला कि यह पाकिस्तान से आने वाला फर्जी फोन कॉल था और सामने से बात कर रहा व्यक्ति उनके साथ फ्रॉड करना चाहता था. इसी प्रकार इंदौर के एक अस्पताल संचालक को फोन आया कि उनके बेटे का अपहरण हो गया है. यदि उसे रिहा करना चाहते हैं तो एक बड़ी रकम संबंधित बैंक खाते में डालें. इसी बीच अस्पताल संचालक को शंका हुई तो उन्होंने तत्काल अपने बेटे को फोन कर लिया, संयोग से उनके बेटे ने फोन उठा भी लिया. जब इंदौर पुलिस ने दोनों ही मामलों में जांच की तो पता चला कि ये दोनों कॉल पाकिस्तान से आए थे.
इसलिए हैं अपराधी पहुंच से दूर
ऐसे तमाम मामलों में इंदौर पुलिस की साइबर क्राइम के एक्सपर्ट गौरव रावल बताते हैं, '' कुछ दिनों से लगातार पाकिस्तान अफगानिस्तान और चीन से सटे इलाकों से इस तरह के फोन कॉल आ रहे हैं, जिसमें फोन करने वाला खुद को सीबीआई, बैंक या पुलिस अधिकारी बताता है. ये किसी न किसी बहाने से संबंधित यूजर को डराकर या भ्रमित कर पैसे ठगने का प्रयास करते हैं. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि चीन द्वारा भारतीय लोगों के मोबाइल नंबरों का डाटा पाकिस्तान में बैठे आईटी हैकर्स और आतंकियों को आउटसोर्स किया जाता है. जिसके बाद फ्रॉड करने वाले वॉट्सएप और अलग-अलग प्लेटफॉर्म से फोन कर रहे हैं.''