जयपुर: राजस्थान में 23 हजार खानों पर चल रहा संकट टल गया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ी राहत देते हुए राजस्थान की खानों को चालू रखने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने एनजीटी के खान बंद करने के आदेश पर रोक लगा दी है. इधर, कोर्ट के आदेश के बाद विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि विपक्ष को सब्र रखना चाहिए. इतनी जल्दबाजी में बयान नहीं देना चाहिए. हमने दो दिन पहले ही संदेश दे दिया था कि प्रदेश की जनता और उद्यमियों को किसी तरह की परेशानी सरकार नहीं आने देगी. कानून सम्मत जो भी कदम उठाने होंगे हम उठाएंगे.
पटेल ने कहा कि सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एसएलपी लगाई, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने उद्यमियों, खान मालिकों और श्रमिकों के हित को देखते हुए न्यायोचित निर्णय किया है. अब आने वाले समय में किसी भी तरीके का व्यवधान खान मालिकों को नहीं होगा. मंत्री पटेल ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता जल्दीबाजी में स्टेटमेंट देने का प्रयास न करें. अपने गिरेबान में झांककर देखें. उनके समय में क्या हुआ था, उसे देखें? हमने दो दिन में सर्वोच्च न्यायालय से प्रार्थना की और कानून सम्मत आदेश देकर इस संकट को टाल दिया है.
विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, संकट टल गया (Video ETV Bharat Jaipur) पढ़ें: प्रदेश की 23 हजार खानों को बड़ी राहत, जारी रहेगा खनन, सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के आदेश की समय सीमा बढ़ाई
यह था मामला: बता दें कि सरकार ने अपनी विशेष अनुमति याचिका में एनजीटी के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें जिला स्तरीय पर्यावरण प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त खनन लाइसेंस धारकों को 7 नवंबर तक राज्य पर्यावरणीय प्राधिकरण से भी पर्यावरणीय मंजूरी के पुन: मूल्यांकन की आवश्यकता बताई गई है. अपील में कहा गया था कि एनजीटी के निर्देशों की पालना के लिए 12 महीने के समय की जरूरत है. ऐसे में राज्य की खानों के तत्काल बंद होने से ना केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी, बल्कि लाखों लोगों की नौकरियां भी प्रभावित होंगी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपील स्वीकार कर ली.इसलिए एनजीटी के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाई जाए.
धर्म परिवर्तन के लिए प्रलोभन गलत:उधर, धर्म परिवर्तन कानून को लेकर जोगाराम पटेल ने कहा कि धर्मांतरण का विषय भी हम सबके लिए गंभीर है. इस पर इतना ही कहना है कि हर धर्म का हम मान सम्मान करते हैं, लेकिन किसी धर्मावलम्बी या किसी व्यक्ति को यह अधिकार नहीं है कि वह प्रलोभन देकर या गलत आवरण पैदा कर धर्म परिवर्तन करने का प्रयास करें.यह स्वीकार्य नहीं है. विशेष कर आदिवासी क्षेत्र में कुछ कम पढ़े लिखे हमारे भाई बहनों को या अन्य तरीके से प्रलोभन देकर कुछ ऐसे लोग लगे हुए हैं जो धर्मांतरण के नाम से ही बरगलाते हैं. नौकरी का सब्जबाग दिखाते हैं. उन सबको रोकने के लिए सरकार दृढ़संकल्प है. सरकार को महसूस होगा और आवश्यकता पड़ी तो सख्त कानून लाने से भी हम परहेज नहीं करेंगे.