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हल्द्वानी में सड़क चौड़ीकरण मामला, कोर्ट ने प्रशासन और निगम से मांगा शपथपत्र - uttarakhand highcourt

Uttarakhand Highcourt नैनीताल हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में सड़क सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण मामले पर सुनवाई की. मामले पर अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी.

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हल्द्वानी में रोड सुंदरीकरण और चौड़ीकरण मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई (FILE PHOTO ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 4, 2024, 11:03 PM IST

नैनीतालःउत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी शहर में मंगल पड़ाव से रोडवेज बस स्टेशन तक रोड का सुंदरीकरण करने के साथ-साथ सड़क चौड़ीकरण के मामले में नगर निगम और लोक निर्माण विभाग की तरफ से अतिक्रमणकारियों को दिए गए नोटिस पर सुनवाई की. कोर्ट ने जिला प्रशासन और नगर निगम से कहा कि सड़क चौड़ीकरण के जद में आ रहे प्रत्येक भवन स्वामियों समेत किरायेदारों के मामले में अलग-अलग शपथपत्र पेश करें. क्योंकि इसमें कई मालिक और कई किरायेदार हैं. तब तक कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तिथि नियत की है. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.

मामले के अनुसार, हल्द्वानी में मंगल पड़ाव से लेकर रोडवेज स्टेशन तक सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे 67 भवन स्वामियों द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि नगर निगम और लोक निर्माण विभाग ने उन्हें नोटिस जारी कर 4 अगस्त तक चिन्हित अतिक्रमण को स्वयं हटाने को कहा था. प्रार्थना पत्र में आगे कहा है कि 20 अगस्त को उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए कहा था कि अगर किसी अतिक्रमणकारी का हित प्रभावित होता है तो वे उचित फोरम या कोर्ट में जा सकते हैं. अभी तक कोर्ट का आदेश नहीं आया. ऊपर से निगम और लोक निर्माण विभाग ने बिना आदेश के उन्हें 4 अगस्त तक स्वयं चिन्हित अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दे दिए, जो गलत है. अभी तक उनका पक्ष ही नहीं गया.

दरअसल, हल्द्वानी की नया सवेरा सोसाइटी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि ये कार्रवाई 29 दिसंबर 2023 से शुरू हुई. जिसके तहत हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने और सड़क चौड़ीकरण का काम ठीक से नहीं किया जा रहा है. इसमें प्रशासन ने महज खानापूर्ति की है. जिसके कारण मंगल पड़ाव और नैनीताल बस अड्डा अभी भी जैसा का तैसा बना हुआ है. जिसकी वजह से हर जगह पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है. इससे क्षेत्रीय जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. याचिका में कहा गया कि जिला प्रशासन द्वारा सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रही सरकारी संपत्तियों को तो हटा दिया गया. लेकिन निजी भूमि में बने होटलों और दुकानदारों को महज नोटिस जारी कर औपचारिकता की गई है.

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