जयपुर : राजस्थान के अजमेर और उत्तर प्रदेश के संभल मामले को लेकर सोमवार को मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारी सोमवार को मीडिया से रूबरू हुए. मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारी ने आरोप लगाया कि धार्मिक स्थलों को क्षति पहुंचाने का घिनौना काम किया जा रहा है और देश के आपसी सद्भाव को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है. जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष नाजीमुद्दीन ने कहा कि मस्जिदों को मंदिर बात कर अदालत में झूठे केस दायर किया जा रहे हैं. सर्वे के नाम पर मस्जिदों के स्टेटस को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है.
ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे मंदिर होने के बहाने सर्वे करा कर देश का माहौल खराब किया गया. केंद्र सरकार वक्फ संशोधन बिल लाकर मुस्लिम को जमीनों को हड़पना चाहती है. उन्होंने कहा कि अदालत में इस मामले को सुनवाई योग्य नहीं मानना चाहिए और याचिका को खारिज करना चाहिए.
याचिका स्वीकार करने के आधार पर सवाल :SDPI के उपाध्यक्ष शहाबुद्दीन खान ने भी अजमेर दरगाह के ताजा विवाद पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि देश की दरगाह, मस्जिद और कब्रिस्तान पर इस तरह सवाल खड़े कर भाईचारा बिगाड़ा जा रहा है. उन्होंने इस पूरे मामले को देश के सौहार्द को बिगाड़े जाने की साजिश से जोड़कर बताया. शहाबुद्दीन ने कहा कि जिस किताब के आधार पर याचिका को स्वीकार किया गया है, उसे लिखने वाले कोई इतिहासकार नहीं है. सती मंदिर से जुड़े संदर्भ को लेकर भी उन्होंने कहा कि यह ट्रेडीशन से जोड़कर बताया गया है, जो की बुनियादी रूप से ही याचिका स्वीकार करने का आधार नहीं हो सकता है.