भोपाल. 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और इसके साथ ही 1 जून को देशभर में एग्जिट पोल्स से शुरु हुई चर्चाओं पर विराम लग गया है. एग्जिट पोल्स बीजेपी को भारी बहुमत के साथ वापसी करते दिखाया गया. वहीं मध्यप्रदेश में 29 में से 29 सीट का दावा करने वाली बीजेपी को कुछ झटके जरूर लगने की आशंका जताई जा रही थी. मध्यप्रदेश की मुरैना, मंडला, रतलाम, छिंदवाड़ा और राजगढ़ ऐसी सीटों हैं, जहां उलटफेर देखने को मिल सकता था. ऐसा हुआ भी. इन सीटों पर जमकर उलटफेर हुए, आइए विस्तार से जानते हैं. मगर उससे पहले लिस्ट देखें कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कौन किस सीट से हारा और कौन जीता.
एमपी की 29 लोकसभा सीटों के प्रत्याशी और 2019 के नतीजे (Etv Bharat) एमपी की 29 लोकसभा सीटों के प्रत्याशी और 2019 के नतीजे (Etv Bharat) मुरैना में कांटे की टक्कर
एग्जिट पोल्स में भले ही बीजेपी को एमपी में 29 में से 28-29 सीटें मिलने का दावा किया जा रहा है. पर मुरैना सीट को इस बार नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इस लोकसभा चुनाव में मुरैना सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है. मुरैना को लेकर इस बार बड़े-बड़े सियासी पंडित दो राग में गा रहे हैं. कहा जा रहा कि यहां कांग्रेस बाजी मार सकती है, पर बीजेपी भी जीत दर्ज कर सकती है. कहा ये भी जा रहा है कि अगर बीजेपी उम्मीदवार शिवमंगल सिंह तोमर ने कांग्रेस उम्मीदवार सत्यपाल सिंह सिकरवार को हराया भी, तो जीत-हार का अंतर काफी कम होगा. बता दें कि इस सीट से 2019 में 1 लाख 13 हजार 341 वोट से जीते थे.
मुरैना (Etv Bharat Graphics) मंडला में फग्गन सिंह आगे
मध्यप्रदेश के 2023 के विधानसभा चुनाव में विधायकी हारने वाले फग्गन सिंह कुलस्ते को लोकसभा में उतारकर बीजेपी ने बड़ा रिस्क लिया है. फग्गन सिंह पर लगातार आरोप रहे हैं कि उन्होंने आदिवासियों के लिए कोई विशेष कार्य नहीं किए. कांग्रेस उन्हें इसे लेकर बार-बार घेरती रही है. हालांकि, आदिवासी चेहरा होने की वजह से बीजेपी ने उनपर दांव लगाया. बीजेपी को उम्मीद है कि कुलस्ते मोदी लहर में ये चुनाव निकाल लेंगे. हालांकि, उनकी विधानसभा चुनाव की परफॉर्मेंस उनकी जीत को लेकर संशय पैदा कर रही है. फग्गन सिंह का मुकाबला वर्तमान में डिंडौरी विधायक ओंकार सिंह मरकाम से है. आदिवासी बेल्ट में ओंकार सिंह मरकाम की भी मजबूत पकड़ का उन्हें फायदा मिलता नजर आ रहा है.
रतलाम में होगा विधानसभा जैसा ट्विस्ट?
रतलाम सीट पर भी इस बार उलटफेर देखने को मिल सकता है. 2019 में भले ही बीजेपी के जीएस डामोर ने इस सीट को जीता था पर इस बार यहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में नजर आ रही है. इस बार कांंग्रेस के कांतिलाल भूरिया का मुकाबला बीजेपी की अनिता सिंह नागर से है. कांतिलाल भूरिया पांच बार सांसद रह चुके हैं और कांग्रेस को छिंदवाड़ा के बाद सबसे ज्याद उम्मीदें रतलाम सीट से ही हैं. भाजपा ने यहां भले ही मोदी सरकार की गारंटी और आदिवासी नायकों को सम्मान देने के मुद्दे के भुनाने की कोशिश की हो पर विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लहर के बवाजूद कांग्रेस काे यहां से मिली जीत को बीजेपी को नहीं भूलना चाहिए. हालांकि बीजेपी को मोदी के नाम का भरोसा है और दावा है कि तमाम राजनीतिक पंड़ितों की भविष्यवाणी के बावजूद बीजेपी की अनिता सिंह नागर अपना झंडा गाड़ेंगी और बीजेपी की झोली में यह सीट हर हाल में जाएगी. बीजेपी कांतिलाल भूरिया के उम्र को भी एक फैक्टर मान रही है जो जीत दिलाएगी.
छिंदवाड़ा में गढ़ नहीं बचा पाएंगे नाथ?
इस लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट काफी ज्यादा चर्चा में रही. शुरुआत में पूर्व सीएम कमलनाथ और उनके बेटे के बीजेपी ज्वॉन करने की खबरों ने जमकर सुर्खियां बटोरीं. इसके बाद बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया. वहीं कमलनाथ के कई करीबियों ने ऐन वक्त पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वॉन की और कमलनाथ को और कमजोर कर दिया. कांग्रेस को भले ही छिंदवाड़ा सीट से उम्मीदें है पर उसे 2019 लोकसभा चुनाव नें नकुलनाथ के परफॉर्मेंस को नहीं भूलना चाहिए. नकुलनाथ 2019 का चुनाव महज 37 हजार 536 वोट से जीते थे. वहीं अब मोदी की गारंटी के बीच चुनाव निकाल लेना किसी चमत्कार से कम नहीं होगा.
छिंदवाड़ा (Etv Bharat Graphics) राज 'गढ़' खो सकते हैं दिग्विजय
छिंदवाड़ा सीट के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में रही है राजगढ़ सीट और हो भी क्यों ना, अपने बयानों से अक्सर चर्चा में रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इसी सीट से चुनावी मैदान में जो उतरे हैं. हालांकि, दिग्गी राजा का अपने ही गढ़ में जीतना मुश्किल हो सकता है. दरअसल, 2019 में इस सीट से बीजेपी के रोड़मल नागर 4 लाख 31 हजार वोटों से जीते थे, वहीं इस बार भी मोदी की गारंटी के दम पर दिग्विजय पर हावी होते नजर आ रहे हैं. कहा ये भी जा रहा है कि रोड़मल के लिए इस बार ये राह आसान नहीं होगी, फिर भी उनके जीतने की संभावनाएं ज्यादा हैं.
राजगढ़ (Etv Bharat Graphics)