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बीजेपी में किरण चौधरी की एंट्री से खफा हैं सांसद धर्मबीर सिंह! बोले- 'नहीं लड़ूंगा अगला चुनाव', इलाके के लोगों में नाराजगी की भी बताई वजह - MP Dharambir Singh statement

MP Dharambir Singh Statement: हरियाणा में सियासी पारा सातवें आसमान पर है. एक तरफ कांग्रेस को बड़ा झटका देकर बीजेपी में शामिल हुई किरण चौधरी को लेकर नेताओं की जुबानी जंग तेज हो गई है. तो वहीं, सांसद धर्मबीर सिंह ने इन सब के बीच एक बड़ा बयान जारी कर अगला चुनाव न लड़ने की बात कह दी है. खबर में विस्तार से जानें पूरा मामला

MP Dharambir Singh Statement
MP Dharambir Singh Statement (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 25, 2024, 6:16 PM IST

भिवानी:हरियाणा में सियासी घमासान लगातार जारी है. भिवानी-महेंद्रगढ़ से बीजेपी के लगातार तीसरी बार सांसद बने चौधरी धर्मवीर सिंह ने बड़ा बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि 2024 में यह उनका आखिरी चुनाव था. इसके बाद वे चुनाव नहीं लड़ेंगे. वहीं, कयास लगाए जा रहे हैं कि धर्मबीर सिंह की इस नाराजगी की वजह किरण चौधरी का बीजेपी में शामिल होना है. इसी के चलते 2014 में उन्होंने किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ से टिकट मिलने के कारण उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी. अब किरण और श्रुति चौधरी 19 जून को बीजेपी में शामिल हो गई हैं. इसलिए उनकी भविष्य में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर टिकट की भी दावेदारी हो चुकी है.

'इलाके के लोगों में केंद्र के लिए नाराजगी': वहीं, चौधरी धर्मबीर सिंह ने राव इंद्रजीत को राज्यमंत्री बनाए जाने पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे इलाके (महेंद्रगढ़ जिले के अहीरवाल) के लोगों में इस बात को लेकर केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी है कि राव इंद्रजीत को राज्यमंत्री बनाया गया है. जबकि लोगों को उम्मीद थी कि इस बार राव इंद्रजीत सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा.

धर्मबीर लगातार तीसरी बार बने सांसद: बता दें कि सांसद धर्मबीर सिंह इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में नहीं थे. इसका कारण भी भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी की टिकट के लिए कई नेताओं ने कोशिश भी की. लेकिन राव इंद्रजीत ने चौधरी धर्मबीर सिंह के नाम की सिफारिश की और उनकी बदौलत पार्टी ने धर्मबीर सिंह को टिकट दी थी. दूसरी ओर देखा जाए तो धर्मबीर सिंह हरियाणा की राजनीति में भी काफी सक्रिय नजर आए.

धर्मबीर की जीत के लिए राव का सहयोग:राव इंद्रजीत सिंह की पैरवी पर ही तीनों बार भाजपा हाईकमान ने धर्मबीर सिंह को टिकट दी. दो बार 2014 और 2019 में तो धर्मबीर सिंह मोदी लहर के चलते आसानी से जीत गए. लेकिन इस बार कांग्रेस की ओर से राव दान सिंह को कैंडिडेट बनाए जाने से धर्मबीर सिंह कांटे के मुकाबले में फंस गए थे. इसलिए धर्मबीर सिंह की जीत पक्की करने के लिए राव इंद्रजीत सिंह को खुद मैदान में उतरना पड़ा था.

राव इंद्रजीत की बदौलत धर्मबीर को मिली जीत: राव इंद्रजीत सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान धर्मबीर सिंह को अपना साथी बताते हुए अहीरवाल में उन्हें जिताने की अपील की थी. राव इंद्रजीत सिंह की अपील का काफी हद तक महेंद्रगढ़ इलाके में असर भी दिखाई दिया. जिसकी वजह से आखिरी समय में पासा पलट गया और चौधरी धर्मबीर सिंह को महेंद्रगढ़ जिले की चारों विधानसभा सीटों से जीत मिली और वे लोकसभा का चुनाव जीत गए.

केंद्र में मंत्री पद की रेस में धर्मबीर आगे:अपने बयान में धर्मबीर ने अपने किसी पारिवारिक सदस्य के चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा ये उनकी मर्जी है कि वो चुनाव लड़े या ना लड़े. धर्मवीर सिंह ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि प्रदेश में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने जा रही है. दूसरी ओर धर्मबीर को भी इस बार केंद्र में मंत्री पद की दौड़ में माना जा रहा था. मगर प्रदेश में भाजपा की गैर जाट राजनीति की वजह से वे पिछड़ गए और पंजाबी चेहरे खट्टर, गुर्जर समुदाय से कृष्णपाल गुर्जर और अहीर समुदाय से राव इंद्रजीत को मंत्री बना दिया गया. वहीं धर्मबीर सिंह जाट हैं.

जानें धर्मबीर ने क्यों छोड़ी थी कांग्रेस: जानकारी के लिए बता दें कि धर्मबीर सिंह भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए हैं. कई साल तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले धर्मबीर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले राव इंद्रजीत सिंह व बांगड़ की राजनीति करने वाले बिरेंद्र सिंह की तरह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. अपने राजनीतिक जीवन के दौरान धर्मबीर पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल परिवार की 3 पीढ़ियों को हराने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने 1987 में लोकदल के उम्मीदवार के रूप में तोशाम विधानसभा सीट से खुद बंसीलाल को हरा दिया था. लेकिन उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद अदालत ने धर्मबीर सिंह की जीत को गलत ठहराया था.

लोकसभा चुनाव में राव दान सिंह को हराया: इसके बाद उन्होंने 2000 के विधानसभा चुनावों में तोशाम से बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र को हराया और बाद में स्व. बंसीलाल की पोती व स्व. सुरेंद्र सिंह की बेटी श्रुति चौधरी को 2014 और 2019 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से लगातार हराया. अब वे कांग्रेस प्रत्याशी राव दान सिंह को इसी सीट से चुनाव हराकर लगातार तीसरी बार सांसद बने हैं.

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