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राजनीतिक गुरु की विरासत आगे बढ़ाएंगे शिवराज, 29 वां कमल खिलाने की मिल सकती है जिम्मेदारी !

BJP Chhindwara Lok Sabha Seat Plan : मध्य प्रदेश में भाजपा मिशन 29 के लिए जुट गई है. पार्टी के सामने लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा सीट है. ऐसे में भाजपा को छिंदवाड़ा सीट जिताने की जिम्मेदारी शिवराज सिंह को दी जा सकती है.

BJP Chhindwara Lok Sabha Seat Plan
शिवराज सिंह को मिल सकती है छिंदवाड़ा की जिम्मेदारी

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 26, 2024, 4:25 PM IST

छिंदवाड़ा। 2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर कमल खिलाकर उसकी माला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गले में डालना चाहते हैं. 28 लोकसभा सीट तो पहले से ही भाजपा के कब्जे में है, एकमात्र छिंदवाड़ा सीट ही है जहां पर कांग्रेस का कब्जा है. 29 वां कमल खिलाने के लिए कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में खुद शिवराज सिंह चौहान मैदान में आ सकते हैं.

कांग्रेस ने भेजा नकुलनाथ का नाम बीजेपी से शिवराज को कमान

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम कमलनाथ सार्वजनिक तौर पर बोल चुके हैं कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से उनके बेटे और वर्तमान सांसद नकुलनाथ ही चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस के राजनीतिक सूत्र भी बताते हैं कि मध्य प्रदेश की करीब पांच ऐसी लोकसभा सीट हैं जहां से सिंगल नाम की सूची आलाकमान को भेज दी गई है जिसमें से एक नाम छिंदवाड़ा लोकसभा का भी है. इसी तरह बीजेपी ने भी छिंदवाड़ा सीट को लेकर राय शुमारी की है. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि अगर कमलनाथ के गढ़ को जीतना है तो किसी बड़े नेता को मैदान में उतरना होगा. महाकौशल बीजेपी क्लस्टर प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने भी छिंदवाड़ा में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा था कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी यहां से मैदान में आ सकते हैं. अंदाजा यही लगाया जा सकता है कि इस बार 29 वां कमल खिलाने के लिए भाजपा शिवराज सिंह को जिम्मेदारी दे सकती है.

शिवराज की लोकप्रियता के सामने बौने साबित हो सकते हैं नकुलनाथ

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब कमलनाथ खुद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तो लोकसभा सीट पर पहली बार उन्होंने अपने बेटे नकुलनाथ को मैदान में उतारा. बीजेपी ने आदिवासी चेहरा और पूर्व विधायक नत्थन शाह कवरेती को चुनाव लड़ाया था. कांग्रेस को लग रहा था कि कमलनाथ और नकुलनाथ के लिए बीजेपी ने काफी कमजोर प्रत्याशी मैदान में उतारा है, लेकिन बीजेपी की रणनीति काम आई और जीत का अंतर करीब 36,000 वोटों का रहा. इससे बीजेपी काफी आत्मविश्वास से भरी हुई है.

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1997 के लोकसभा उपचुनाव में भी पूर्व सीएम शिवराज सिंह के राजनीतिक गुरु पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को छिन्दवाड़ा से चुनाव हार दिया था. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता इतनी है कि अभी भी गांव गांव में उनके चाहने वाले हैं. अगर वे भी छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ते हैं तो, बीजेपी का मानना है नकुलनाथ उनके लिए बड़ी चुनौती नहीं होंगे.

विधानसभा में सभी सीट जीते लेकिन मार्जिन हुआ कम

2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भले ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार हुई, लेकिन छिंदवाड़ा जिले की सभी सीट कांग्रेस ने जीती हैं, क्योंकि छिंदवाड़ा में कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर वोट मांगे गए. हालांकि, 2018 के चुनाव के मुकाबले सभी विधायकों की जीत का मार्जिन आधा हो गया था, इससे भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि छिंदवाड़ा में धीरे-धीरे अब कांग्रेस और कमलनाथ का वोट बैंक घट रहा है.

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