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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 5 hours ago

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गांधी सागर अभ्यारण्य में चीता लाने की तैयारी जोरों पर, खुराक के लिए बसाए जाएंगे 500 से ज्यादा स्पॉटेड डियर - Gandhi Sagar Sanctuary Cheetah

गांधी सागर अभ्यारण्य की चीता सेंचुरी में चीतों को जल्द लाने की कवायद जोर पकड़ रही है. इसी साल के अंत में यहां चीते लाने की तैयारी की जा रही है. लिहाजा प्रदेश का वन अमला अभ्यारण्य में बने चीता बाड़े में अब उनके अनुकूल वातावरण बनाने की जुगत में लग गया है. इसी कड़ी में सोमवार को कान्हा नेशनल पार्क से वन अमला 19 चीतलों (स्पॉटेड डीयर) को लेकर आया, जिन्हें बाड़े में छोड़ा दिया गया.

CHEETAH IN MADHYA PRADESH
गांधी सागर अभ्यारण्य में चीता लाने की तैयारी जोरों पर (Etv Bharat)

मंदसौर :कूनो के बाद गांधी सागर अभ्यारण्य को चीता सेंचुरी बनाने की तैयारी जोरों पर चल रही है. मंदसौर और कान्हा नेशनल पार्क का वन अमला इस पर तेजी से काम कर रहा है. यहां पिछले डेढ़ साल से चीतों को बसाने की कवायद के चलते अभ्यारण्य क्षेत्र में एक बाड़ा बनाया गया है, जो आधुनिक शैली और प्राकृतिक माहौल से भरपूर है. इस बाड़े में चीतों के रहने और खान-पान के अलावा पर्यावरण को भी अनुकूल करने की तैयारी चल रही है. वन अमले ने यहां चीतों के भोजन के लिए चीतलों यानी स्पॉटेड डीयर को बसाने का काम भी शुरू कर दिया है.

चीतों से पहले चीतलों को बसाया

चीतों के लिए अनुकूल प्राकृतिक माहौल बन सके, इसके लिए पहले हिरण यहां छोड़े गए थे, जो स्वस्थ हैं. ये देखते हुए अब यहां कान्हा से फिर 19 चीतल हिरण लाए गए. डीएफओ संजय राय खेरे ने बताया कि इसी साल दिसंबर महीने में चीतों को लाने की तैयारी की जा रही है, और इसी के चलते यहां कान्हा और देश के अन्य वन्य अभ्यारण्य से करीब 500 चीतल (स्पॉटेड डीयर) बसाए जाएंगे. अभी तक गांधी सागर अभ्यारण्य के चीते वाले बाड़े में 140 चीतलों को छोड़ दिया गया है, और जल्द ही नई खेप यहां पहुंचने वाली है.''

गांधी सागर अभ्यारण्य में वन विभाग की टीम (Etv Bharat)

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सर्वे के बाद फिर छोड़े जाएंगे चीते

डीएफओ ने आगे कहा, '' इन चीतलों के आने के बाद एक बार फिर पूरे बाड़े का सर्वे होगा. इसके बाद कूनो और कान्हा नेशनल पार्क की टीम की निगरानी में चीते छोड़ने की तैयारी होगी. एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधी सागर के दोनों और स्थित अभ्यारण्य क्षेत्र को अब पर्यटन केंद्र से जोड़ने के लिए विकसित किया जा रहा है. इसी के चलते अब यहां चीता सेंचुरी का निर्माण हो रहा है. इससे विदेश पर्यटरक भी आकर्षित होंगे.''

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