प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में पहली बार व्यापक स्तर पर डिजिटल तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को सुविधाजनक और सुरक्षित अनुभव मिल रहा है. गूगल मैप्स के जरिए पूरे मेला क्षेत्र की ट्रैकिंग की जा रही है. इससे किसी भी स्थान की सटीक जानकारी प्राप्त करना पहले से कहीं अधिक सरल हो गया है.
वहीं, दूसरी तरफ प्रयागराज के तीर्थ पुरोहितों ने भी पहले से ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं. तेजी से बदलते दौर में तीर्थ पुरोहितों ने अब डिजिटल पेमेंट लेना शुरू कर दिया है. पंडों के पास देश-विदेश से संगम क्षेत्र में रोजाना हजारों जजमान पहुंच रहे हैं. हर साल लगने वाले माघ मेला और अर्द्ध कुंभ और कुंभ में हजारों की संख्या में कल्पवासी भी पहुंचते हैं.
वहीं, महाकुंभ में इस बार लगभग 40 से 50 करोड़ लोगों की आने की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में आने वाले जजमान या कल्पवासियों को अपने कल्पवास क्षेत्र या अपने तीर्थ पुरोहित तक पहुंचने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए डिजिटल तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है.
वहीं, प्रयागराज के तीर्थ पुरोहित ने कहा कि प्रधानमंत्री के दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ और डिजिटल कुंभ के जरिए हम लोग भी उनके संदेश को मानते हुए अपने लोकेशन की डिजिटल मैपिंग कर दी है. मुन्ना लाल पांडा कराही वाले संगम में दिख हो रहे हैं. हम लोग प्रधानमंत्री के डिजिटल कुंभ के मार्ग को साकार करते हुए, दक्षिणा लेते हुए भी ऑनलानइ एप का सहारा ले रहे हैं.