उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बाराबंकी में भाजपा उम्मीदवार राजरानी को गहनों के साथ-साथ असलहे रखने का भी शौक - BJP candidate Rajrani Rawat

बाराबंकी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राजरानी रावत ने शुक्रवार से शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन ही अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. आइये जानते हैं राजरानी रावत के राजनीतिक सफर के बारे में.

ो

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 27, 2024, 11:54 AM IST

बाराबंकी :उत्तर प्रदेश मेंबाराबंकी सुरक्षित लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी राजरानी रावत भले ही सोने-चांदी की शौकीन न हों लेकिन, वे असलहों की शौकीन हैं. शुक्रवार को नामांकन के साथ दाखिल किए गए शपथ पत्र में इसका साफ उल्लेख है. साल 2014 में राजरानी रावत लोकसभा बाराबंकी से समाजवादी पार्टी से उम्मीदवार थीं. उस वक्त उन्होंने जो एफिडेविट दाखिल किया था उस वक्त उनके पास सोना-चांदी ज्यादा था, लेकिन अब कम हो गया. साल 2007 से इन्हें रिवॉल्वर और रायफल रखने का शौक है.

भाजपा उम्मीदवार राजरानी रावत ने किया नामांकन


बताते चलें कि 54 वर्षीय राजरानी रावत निन्दूरा ब्लॉक के कुर्सी थाना क्षेत्र के सैंदर गांव की रहने वाली हैं. इनके पति राजकरन रावत को-ऑपरेटिव बैंक में मैनेजर के पद से रिटायर्ड हो चुके हैं. राजरानी रावत हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयागराज से मध्यमा पास हैं जो इंटरमीडिएट के समकक्ष है. राजरानी रावत वर्ष 1995 में राजनीति में उतरीं. राजरानी ने 1995 में पहली बार निन्दूरा प्रथम से डीडीसी का चुनाव लड़ा और वे भारी वोटों से जीतीं और फिर उनका राजनीतिक सफर चल निकला.

भाजपा उम्मीदवार राजरानी रावत ने किया नामांकन

साल 1996 में पहली बार विधानसभा में उतरीं :साल 1996 में भाजपा ने राजरानी रावत को फतेहपुर सुरक्षित विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह महज 527 वोटों से चुनाव हार गईं. इसके बाद साल 2000 में निन्दूरा तृतीय से उन्होंने डीडीसी का चुनाव जीता. एक बार फिर साल 2002 में भाजपा ने उन पर अपना भरोसा जताया और उन्हें फतेहपुर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया. राजरानी 17 हजार वोटों से भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल कर पहली बार विधायक बनीं. साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राजरानी रावत को फिर अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह बसपा उम्मीदवार मीता गौतम से चुनाव हार गईं.

भाजपा उम्मीदवार राजरानी रावत ने किया नामांकन

भाजपा का छोड़ा दामन, सपा में हुई शामिल :राजनीतिक हालात बदले तो राजरानी रावत ने भाजपा छोड़ दी और साल 2012 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं. उस वक्त जिले की सपा राजनीति में चल रही उठापटक का उनको फायदा मिला और सपा ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में रामसागर रावत का टिकट काटकर राजरानी को लोकसभा उम्मीदवार बना दिया. 2014 के लोकसभा चुनाव में राजरानी रावत भाजपा की प्रियंका सिंह रावत से चुनाव हार गईं.

भाजपा उम्मीदवार राजरानी रावत


साल 2019 में फिर हुई घर वापसी :साल 2014 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद राजरानी रावत की नजदीकियां फिर भाजपा से बढ़ीं और 17 नवम्बर 2019 को इनकी फिर से घर वापसी हो गई. उसके बाद ये पार्टी के हर कार्यक्रम में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने लगीं.

चुनी गई जिला पंचायत अध्यक्ष :जून 2021 में हुए पंचायत चुनाव में भाजपा ने इन्हें फिर निन्दूरा चतुर्थ से अपना जिला पंचायत सदस्य का उम्मीदवार बनाया और उन्होंने जबरदस्त जीत हासिल की. उसके बाद समीकरण बने तो भाजपा ने इन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार बना दिया. किस्मत की धनी राजरानी रावत ने सपा प्रत्याशी को हरा दिया और जिला पंचायत अध्यक्ष बन गई.

सांसद उपेंद्र रावत के वायरल वीडियो ने बदले समीकरण :इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सांसद रहे उपेंद्र सिंह रावत को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया था. शुरुआती लिस्ट में उनका नाम घोषित हो गया था लेकिन, लिस्ट जारी होने के अगले ही दिन उनका एक वीडियो वायरल हुआ और पूरे जिले में भूचाल आ गया. वायरल वीडियो के बाद उपेंद्र सिंह रावत ने खुद से ही चुनाव न लड़ने का एलान कर दिया. उसके बाद भाजपा ने नए चेहरे की तलाश शुरू कर दी और यह तलाश राजरानी रावत पर आकर रुकी. सरल और सौम्य स्वभाव राजरानी रावत के लिए लकी साबित हुआ जिसके चलते भाजपा ने उन पर भरोसा जताते हुए अपना उम्मीदवार बना दिया.


गहनों से ज्यादा असलहों का शौक :शुक्रवार को राजरानी रावत ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया. इस दौरान उनके द्वारा दाखिल किए गए शपथ पत्र के मुताबिक, उनके पास 2006 मॉडल की टाटा सफारी गाड़ी है. 40 हजार रुपये नकद हैं तो करीब 05 लाख रुपये बैंकों में जमा हैं. करीब एक करोड़ कीमत के शालीमार मन्नत में दो फ्लैट और एक मकान लखनऊ में हैं. इनके पास महज 110 ग्राम सोना है तो 250 ग्राम चांदी है. हालांकि, इससे पहले इनके पास सोना और चांदी ज्यादा थी. हां, साल 2007 से इनके पास एक रिवॉल्वर और राइफल अब भी है. साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान इन्होंने जो एफिडेविट दिया था उस वक्त इनके पास 4 लाख 60 हजार रुपये नकदी थी. 2006 मॉडल की टाटा सफारी गाड़ी और 97 मॉडल की एक महिंद्रा जीप थी. हां उस वक्त इनके पास 400 ग्राम सोना और 500 ग्राम चांदी थी. इस तरह बीते 10 सालों में राजरानी का शौक भले ही सोने और चांदी के गहनों से कम हो गया हो लेकिन, असलहों का शौक आज भी है.

यह भी पढ़ें : सपा-बसपा के कई नेता भाजपा में हुए शामिल

यह भी पढ़ें : जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव : बाराबंकी में BJP ने पूर्व MLA राजरानी रावत पर लगाया दांव

ABOUT THE AUTHOR

...view details