देहरादून: उत्तराखंड में दोनों विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव का रिल्जट आ गया है. दोनों ही सीटें हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा और चमोली जिले की बदरीनाथ विधानसभा सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. ये दोनों सीटें कांग्रेस के पास गई है. बदरीनाथ विधनासभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी लखपत बुटोली जीते हैं, तो वहीं मंगलौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने अपनी जीत दर्ज कराई हैं. आखिर क्या कारण है कि सरकार में होते हुए भी बीजेपी इन दोनों सीटों पर हार गई. ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने कुछ एक्सपर्ट से बात की और उसका कारण जाना.
मंगलौर विधानसभा सीट: हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने हरियाणा के पूर्व मंत्री करतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा था. करतार सिंह भड़ाना की सीधी टक्कर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता काजी निजामुद्दीन से थी. इस सीट पर आखिर राउंड तक दोनों प्रत्याशियों करतार सिंह भड़ाना बीजेपी और काजी निजामुद्दीन कांग्रेस के बीच टक्कर देखने को मिली है, लेकिन आखिर में काजी निजामुद्दीन 449 वोटों से जीत गए, जो बीजेपी के लिए बड़ा झटका है.
बदरीनाथ विधानसभा सीट: चमोली जिले की बदरीनाथ विधानसभा सीट पर भी बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. यहां बीजेपी ने कांग्रेस के बागी नेता राजेंद्र भंडारी पर ही भरोसा जाता था. वहीं, कांग्रेस ने लखपत बटोला को मैदान में उतारा था, लेकिन यहां भी बीजेपी की रणनीति फेल हो गई और कांग्रेस ने लखपत बटोला ने बीजेपी के राजेंद्र भंडारी को हरा दिया.
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में हुए थे शामिल: बता दें कि राजेंद्र भंडारी ने लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले कांग्रेस का दामन छोड़ा था और बीजेपी में शामिल हुए थे. इसी वजह से राजेंद्र भंडारी की विधायकी गई थी और बदरीनाथ विधानसभा सीट खाली हो गई थी, जिस पर 10 जुलाई को उपचुनाव हुए थे, जिसका परिणाम आज 13 जुलाई को आया है.
गौरतलब हो कि 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को हराया था. इसीलिए बदरीनाथ विधानसभा सीट पर हराना बीजेपी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है.