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कार्तिक स्वामी मंदिर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर समिति का गठन, इको फ्रेंडली काम से रोजगार के खुलेंगे द्वार - KARTIK SWAMI TEMPLE RUDRAPRAYAG

कार्तिकेय कनकचौरी ग्राम पारिस्थितिकीय पर्यटन समिति का गठन, कार्तिकेय धाम में पर्यावरण संरक्षण समेत करेगी ये काम

KARTIK SWAMI TEMPLE RUDRAPRAYAG
कार्तिक स्वामी मंदिर रुद्रप्रयाग (फोटो- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 5 hours ago

रुद्रप्रयाग: उत्तर भारत के एकमात्र कार्तिकेय धाम की खूबसूरती को बनाए रखने को लेकर 'कार्तिकेय-कनकचौरी ग्राम पारिस्थितिकीय पर्यटन समिति' का गठन कर लिया गया है. यह रुद्रप्रयाग जिले की पहली पर्यटन विकास समिति है, जो धाम की सुंदरता को बनाए रखने को लेकर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करेगी. उप प्रभागीय वनाधिकारी डीएस पुंडीर की उपस्थिति में आयोजित बैठक में सात सदस्यीय पर्यटन समिति का गठन किया गया है. समिति प्राकृतिक संसाधन, जैव-विविधता, पारिस्थिकी तंत्र की सुरक्षा करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण करने का कार्य करेगी.

पर्यावरण विकास समिति से खुलेंगे कई आयाम: कार्तिक स्वामी मंदिर समिति के अध्यक्ष विक्रम नेगी ने बताया कि कार्तिक स्वामी, नैनादेवी आरक्षित संरक्षित वन क्षेत्र में पारिस्थितिकी पर्यटन के मद्देनजर और जंगलों की सुरक्षा एवं संवर्धन के लिए इस पर्यावरण विकास समिति का गठन किया गया है. समिति की ओर से इको फ्रेंडली कार्य किए जाएंगे. स्थानीय रोजगार के साथ आजीविका संवर्धन के नए आयाम क्षेत्र में खुलेंगे. साथ ही बर्ड वॉचिंग, ट्रेकिंग जैसे कार्य भी किए जाएंगे.

पर्यावरण संरक्षण को लेकर समिति का गठन (वीडियो- ETV Bharat)

समिति के मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधन, जैव-विविधता, पारिस्थिकीय तंत्र की सुरक्षा करने के साथ ही पर्यावरण का संरक्षण करने का कार्य करने, सतत विकास और इको फ्रेंडली तंत्र को बढ़ावा देना है. इसके अलावा पारिस्थिकी पर्यटन की ओर से स्थानीय आजीविका एवं रोजगार को बढ़ावा देना, पर्यावरण संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी को सुनिश्चित करना है.

कार्तिकेय-कनकचौरी ग्राम पारिस्थितिकीय पर्यटन समिति का गठन (फोटो- ETV Bharat)

वन एवं वन्यजीव प्रबंधन में जन सहभागिता एवं भागीदारी सुनिश्चित करना, बर्ड वॉचिंग के जरिए पारिस्थिकीय पर्यटन को बढावा देना, स्थानीय लोगों को वृक्षारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करना आदि शामिल हैं. वहीं, पूरा रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के कुछ गांव से प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाएगा.

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