मंडी:देश का हर नागरिक तब तक सुरक्षित है, जब तक सीमा पर खड़े हमारे वीर जवान मातृभूमि की रक्षा अपनी प्राणों की आहुति देकर कर रहे हैं. भारतीय सैनिकों के शौर्य और बलिदान की गाथा पूरा विश्व जानता है. आज कारगिल युद्ध की जीत को 25 साल पूरे हो गए हैं. कारगिल विजय दिवस को लेकर आज रजत जयंती मनाई जा रही है. ऐसे में अपने शहीदों को याद किए बिना इस जीत का जिक्र करना फीका सा लगता है. लेकिन कारगिल युद्ध में जो जवान शहीद हुए लगता है, उनके बलिदान को सरकारें भूल गई हैं. तभी तो कारगिल युद्ध में शहीद हुए टेकचंद मस्ताना की पत्नी से सरकार ने जो वादा किया था, उसे आज तक पूरा नहीं किया गया. जिसकी वजह से शहीद की पत्नी काफी नाराज हैं.
गौरतलब है कि 3 महीनों तक चले कारगिल युद्ध में वीर भूमि हिमाचल से 52 जवानों ने शहादत का जाम पिया था, जिनमें मंडी जिला के 11 जवान शामिल थे. इन वीर जवानों की शहादत के बाद तत्कालीन सरकारों ने कई तरह की घोषणाएं की थीं. लेकिन 25 वर्ष बीत जाने के बाद भी शहीदों के लिए की गई घोषणाओं के पूरा ना होने से परिजनों में रोष है. इन्हीं शहीदों में मंडी जिले के बल्ह के जवान टेकचंद मस्ताना भी शामिल हैं.
कारगिल युद्ध के हीरो रहे टेकचंद मस्ताना की पत्नी वीना देवी ने कहा "शहादत के वक्त सरकार ने कई वादे किए थे. इन्हीं में से एक उनके पति टेकचंद मस्ताना के नाम पर बल्ह के कंसा चौक में एक खेल स्टेडियम बनाने का वादा था. लेकिन समय बीतता गया और सरकार ने यह वादा पूरा नहीं किया. इतना ही नहीं 3 साल पहले नेरचौक के स्यांह में शहीद टेकचंद की गलत प्रतिमा लगा दी गई, जिसे आज तक नहीं बदला गया. ऐसे में वीना देवी ने अपने पति की प्रतिमा को खुद से बनवाया और उसे अपने घर के आंगन में स्थापित किया. शहीद की पत्नी ने सरकार से शहीदों का अपमान ना करने की गुहार लगाई है"