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लड्डू गोपाल की मूर्तियों ने बदली इस गांव की महिलाओं की तकदीर, देशभर से आ रही डिमांड - Janmashtami 2024

मेरठ की महिलाएं लड्डू गोपाल समेत कई देवी देवताओं की मूर्तियां तैयार कर रही है.देश के अलग अलग राज्यों में इनके द्वारा तैयार मूर्तियों की डिमांड आ रही है. चलिए जानते हैं इनके बारे में.

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लड्डू गोपाल की मूर्तियों ने बदली महिलाओं की तकदीर (photo credit- Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 25, 2024, 1:04 PM IST

मेरठ:जिलेके नगली गांव में रहने वाली सोनिया एक निर्धन परिवार से हैं, लेकिन अपनी मेहनत के बल पर वे खुद तो आत्मनिर्भर हुई ही, साथ ही उन्होंने और भी गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बना दिया. दरअसल, ये सभी महिलाएं लड्डू गोपाल समेत तमाम देवी देवताओं की मूर्तियां तैयार करती हैं. देश के अलग अलग राज्य में आज इनके द्वारा तैयार मूर्तियों की डिमांड हो रही है. आईए जानते हैं, किस तरह से गांव में रहकर महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं.

लड्डू गोपाल ने मेरठ की महिलाओं की बदली तकदीर (video credit- Etv Bharat)


यूं तो हमें तमाम ऐसे लोग जीवन में मिल जाएंगे जो न सिर्फ औरों के लिए प्रेरणा का काम करते हैं, बल्कि उनसे प्रेरणा लेकर आगे के लिए रास्ते भी तैयार किए जा सकते हैं. आज हम कुछ ऐसे ही लोगों की प्रेरणा देने वाली रियल लाइफ के बारे में बताने जा रहे हैं. मेरठ जिले की रहने वाली सोनिया ने जब देखा, कि उनके पति के द्वारा जो कुछ काम किया जा रहा है उससे परिवार की परवरिश करना आसान नहीं होगा. तो उन्होंने मूर्तियां बनाना सीखा. उसके बाद खुद से शुरुआत की और धीरे धीरे उनकी ये मेहनत रंग लाई और आज उन्होंने अपने साथ दस से अधिक महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बना दिया.

दरअसल, सोनिया मेरठ के रजपुरा ब्लॉक के नगली आजमाबाद गांव में लगभग एक साल से मूर्तियां बना रही हैं. विशेष तौर पर वह भगवान श्रीकृष्ण के ही विविध रूपों से संबंधित मूर्तियां तैयार करती हैं. हालांकी, वह कहती हैं कि लड्डू गोपाल ने तो उनकी जिंदगी ही बदल दी है. वह बताती हैं कि वह पढ़ना चाहती थीं, पति ने शादी के बाद भी उन्हें पढ़ाया, लेकिन कई बार नौकरी पाने के लिए कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भी प्रतिभाग किया. लेकिन, सफलता नहीं मिली.जिसके बाद उन्होंने आत्मनिर्भर बनने की ठानी और पति ने भी उनका खूब साथ दिया.

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सोनिया ने ईटीवी भारत को बताया, कि उन्होंने खुद से शुरुआत की. कई लोगों ने सहयोग दिया और प्रभु कृपा से काम चल निकला. उसके बाद सोनिया ने भारत सरकार की दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत एक स्वंय सहायता समूह बनाया और विभिन्न प्रकार की मूर्तियां बनाने लगीं. धीरे धीरे पहले लोकल बाजार में उन्होंने अपनी बनाई, उसके बाद उन्हें शहर के बाहर भी ऑर्डर मिलने लगे. कुछ ही दिन में प्रदेश के अन्य प्रांतों से भी ऑर्डर मिलने शुरु हो गये.

बीते एक पखवाड़े से राजस्थान के कई शहरों समेत अन्य कई राज्यों के लिए लड्डू गोपाल और कान्हा जी की मूर्तियों के ऑर्डर पूरे करने के लिए दस से अधिक महिलाओं के साथ काम कर रही हैं. इस बारे में मूर्तियों को तैयार करने वाली अन्य महिलाओं ने कहा, कि उन्हें खुशी है कि वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में भागीदार बन पाई हैं. मेरठ की सीडीओ नुपूर गोयल ने ईटीवी भारत को बताया, कि गांव में श्री कृष्ण भगवान, गणेश जी, दुर्गा मां ,कामधेनु गाय समेत अन्य भगवान की मूर्तियां इन समूह की महिलाओं के द्वारा बनाई जा रही हैं.

मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल ने बताया, कि समूह की महिलाओं द्वारा बनाई गई मूर्तिया केवल मेरठ ही नहीं उत्तर प्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़, बिहार और राजस्थान में भी जा रही है. वहीं तमाम मेलों में भी इसे काफी पसंद किया जा रहा हैं. यह महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई है. सोनिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर निरंतर समूह के माध्यम से काम कर रहीं महिलाएं कहती हैं, कि वे सभी बेहद खुश हैं कि अब गांव में लोग उनका सम्मान करते हैं. नहीं तो जब खाली हाथ थे, तो सिर्फ जंगल जाकर पशुओं के लिए घास काटने का काम ही करती थीं. खास बात तो ये है, कि जहां ये भगवान बुद्ध की विभिन्न आकृतियां तैयार कर रही हैं, वहीं ये फेंगशुई प्रोडक्टस जैसे लाफिंग बुद्धा के अनेक रूपों की मूर्तियां भी तैयार कर रही हैं.

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