देहरादून:निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव में प्रति उम्मीदवार चुनाव खर्च की सीमा 95 लाख रुपए रखी हुई है. इससे एक पैसा भी ज्यादा खर्च करने पर चुनाव आयोग कार्रवाई करता है. प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में पैसों के खर्च का हिसाब रखना आसान नहीं होता. कई बार प्रत्याशी कालेधन और बिना रिकॉर्ड के रुपयों को खर्च करके चुनाव आयोग की आंखों में धूल झोंकने का काम कर बैठते हैं.
चुनाव में अवैध धन पर लगाम लगाने की कवायद:ऐसे में प्रत्याशियों द्वारा अवैध रूप से धन खर्च करने पर लगाम लगाने के लिए आयकर विभाग मैदान में डटा हुआ है. लोकसभा चुनाव में कालेधन और बेहिसाबी नकदी पर लगाम लगाने के लिए आयकर विभाग ने उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर 100 आयकर अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम तैनात की है. इसके साथ ही 24 घंटे संचालित होने वाले कंट्रोल रूम से चुनाव की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. एयर इंटेलिजेंस यूनिट हवाई अड्डों की निगरानी कर रही है. इसके साथ ही रेलवे स्टेशनों और सीमा चौकियों पर विशेष टीमें तैनात की गई हैं.
आयकर विभाग के 10 अफसरों-कर्मचारियों की टीमें तैनात :आयकर विभाग की जांच शाखा के अतिरिक्त निदेशक डॉ. टीएस मपवाल को चुनाव के लिए राज्य का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि बेहिसाब नकदी को लेकर प्रदेश के हर जिले में टीमें सक्रिय कर दी गई हैं. ये टीमें सूचना मिलने पर नकदी को कानूनी तौर पर जब्त करने की कार्रवाई कर रही हैं.