हिसार: जिले के गांव डोभी में एक परिवार की चार बेटियों ने रूढ़ियों की बेड़ियां तोड़कर एक मिसाल पेश की है. गांव में चार बेटियों ने अपनी मां की अर्थी को कंधा दिया है. इस अद्भुत दृश्य ने उन परंपराओं को चुनौती दी, जो हमेशा यह मानती रही हैं कि अंतिम संस्कार में केवल बेटे ही हिस्सा ले सकते हैं.
समाज के लिए एक प्रेरणा बना बेटियों का यह कदम : यह घटना डोभी गांव में हुई, जहां दिवंगत नेकीराम सुथार की 73 वर्षीय पत्नी हरकोरी देवी का निधन हो गया था. उनके कोई पुत्र नहीं था, बल्कि आठ बेटियां थी. ऐसे में बेटियों ने पुरानी मान्यताओं को दरकिनार करते हुए मां को कंधा दिया. और समाज की रूढ़ीवादी सोच को खत्म करने का संदेश फैलाया. यह कदम न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा बन गया है, क्योंकि इसने पुरुषप्रधान सोच को चुनौती दी है. मां की मौत होने पर बेटियों ने न केवल खुद को संभाला, बल्कि मृत्यु के बाद सभी रस्मों को निभाया. समाज, गांव और आसपास के क्षेत्र को इन बेटियों ने बहुत बड़ा संदेश दिया है.