हिसार:अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटे खरड़ का अक्षय कुमार तीन दिन बाद घर लौटा है. अक्षय को पुलिस ने घर पहुंचाया है. अक्षय ने तीन एजेंटों पर 50 लाख रुपये हड़पने का आरोप भी लगाया है. अक्षय 8 महीनों बाद अमेरिका पहुंचा था. अक्षय की शिकायत पर जींद में तीन ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ सदर पुलिस ने केस दर्ज कराया है. पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है.
पीड़ित ने पुलिस को दी शिकायत:जींद पुलिस ने बताया कि अक्षय को पंजाब पुलिस ने उसके घर पहुंचाया था. डिपोर्ट के तीन दिन बाद अक्षय अपने घर पहुंचा था. जिसके बाद अक्षय ने जींद पुलिस के पास एजेंटों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. अक्षय ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि एक माफिया ने उसे दूसरे माफिया के पास सौंप दिया था. 25 जनवरी 2025 को एजेंट ने जुनाना बॉर्डर में एंट्री करा दी.
एजेंटों पर लाखों रुपये हड़पने का आरोप: अमेरिका पुलिस ने एंट्री के दौरान अक्षय को पकड़ लिया था. उसे गाड़ी में सनडिगो स्थित डेस्टिनेशन सेंटर ले गए. वहां उसे दस दिन तक रखा और तीन फरवरी को यूएस आर्मी ने अक्षय को डिपोर्ट कर दिया. एजेंटों ने 50 लाख रुपये हड़पकर अमेरिका भेजा था. इस दौरान अक्षय को भूखा रखा गया, उसे पीटा गया और करंट लगाकर टॉर्चर भी किया गया.
डंकी के जरिए भेजा अमेरिका: आरोप है कि सीएंडवी इमिग्रेशन कंपनी के संचालक जींद के गांव शामली वासी दीपक मलिक, आरएंडएम इमिग्रेशन सफीदों रोड वासी रजत मोर व इसी कंपनी में कार्यरत नारनौद गांव पेटवाड़ वासी मुनीष शर्मा ने अवैध तरीके से फर्जीवाड़ा कर 50 लाख रुपये हड़पकर अमेरिका भेजा था. हिसार डंकी के जरिए अमेरिका जाने व डिपोर्ट होने वाले पीड़ित खरड़ वासी अक्षय की शिकायत पर जींद के तीन ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ सदर थाना में इमिग्रेशन एक्ट, बीएनएस की धारा के तहत केस दर्ज किया है.