नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली की डेयरियों में पशुओं की दयनीय हालत पर सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव को फटकार लगाई. बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आपके अधिकारी जमीन पर जाए बिना रिपोर्ट देते हैं. अधिकारी कुछ नहीं करते.
दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्य सचिव ने कहा कि भलस्वा और गाजीपुर लैंडफिल साइट को डेढ़ साल में पूरी तरह से हटा दिया जाएगा. भलस्वा डेयरी 65 एकड़ और गाजीपुर डेयरी 205 एकड़ इलाका में फैला है. इन्हें शिफ्ट करना काफी मुश्किल काम है. इससे पहले 3 मई को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि गाजीपुर और भलस्वा डेयरी को बड़े लैंडफिल साइट पर शिफ्ट करने की जरूरत है. इन लैंडफिल साइट पर पशु खतरनाक कचरा खा लेते हैं. इन पशुओं का दूध अगर कोई पी ले तो उसके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है.
कोर्ट ने साफ किया कि लैंडफिल साइट के पास बने डेयरियों के पशु निश्चित तौर पर खतरनाक कचरा खाएंगे और वे आम लोगों खासकर बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित होंगे. इसलिए इन डेयरियों के शिफ्ट कराने की जरूरत है. याचिका सुनयना सिब्बल, अशर जेसुदौस और अक्षिता कुकरेजा ने दायर किया है. इसमें कहा गया है कि लैंडफिल साइट के पास बनी डेयरियां कानून का खुला उल्लंघन कर रही हैं. इन डेयरियों में पशुओं के साथ क्रूरता बरती जाती है और जानवरों की अधिकता इतनी ज्यादा है कि कई बार जानवरी मल पर ही लेटी रहती हैं. इससे मच्छर पैदा होते हैं.