देहरादून:उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर चुनाव रोचक रहा. वोटिंग के बाद अब खासकर गढ़वाल लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें हैं. जहां कांग्रेस से गणेश गोदियाल और बीजेपी से अनिल बलूनी चुनावी दंगल में जमकर भिड़े. दोनों ही दिग्गजों के बीच कांटे की टक्कर है. इसका एक नमूना नामांकन के दौरान देखने को मिला है. जहां बलूनी के नामांकन में बीजेपी से केंद्रीय स्मृति ईरानी से लेकर सीएम पुष्कर धामी पहुंचे थे तो वहीं, गणेश गोदियाल के नामांकन के दौरान कांग्रेस का कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आया. जबकि, दोनों ही नेताओं के रैली में भीड़ तकरीबन बराबर ही थी. जिसके बाद गणेश गोदियाल ने गढ़वाल सीट की सरगर्मी को और बढ़ा दिया है. इसके बाद दोनों ही कैंडिडेट की चुनावी सभाओं ने जमकर सुर्खियां बटोरी.
चर्चाओं में गढ़वाल लोकसभा सीट:उत्तराखंड की टिहरी लोकसभा सीट पर बीजेपी से माला राज्य लक्ष्मी शाह तीन बार से लगातार सांसद बनती आ रही हैं. इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला से होना है. लिहाजा, राजनीति और चुनाव प्रचार का शोर यहां पर ज्यादा दिखाई नहीं दे रहा है. ऊपर से कांग्रेस के तमाम बड़े नेता अब तक या तो चुनावी मैदान में आए ही नहीं है या फिर पूरी तरह से गायब दिख रहे हैं.
बात अगर हरिद्वार लोकसभा सीट की करें तो उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने हरीश रावत ने अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतारा है. वीरेंद्र रावत के पास न तो कोई चुनावी अनुभव है और न ही कांग्रेस के वो बड़ा चेहरा हैं. इतना जरूर है कि हरीश रावत उनके साथ जरूर चल रहे हैं. लिहाजा यहां पर भी चुनावी शोर खास नहीं है.
नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस ने अजय भट्ट के सामने एक ऐसे नेता को टिकट दिया है, जो युवा तो है, लेकिन चुनावी अनुभव उतना नहीं है. ऐसे में यहां पर भी चुनाव का प्रचार धीमा दिखाई दे रहा है. उधर, अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट में भी कुछ-कुछ ऐसे ही समीकरण हैं. अगर पांचों लोकसभा सीटों की बात करें तो तो मात्र एक ही सीट ऐसी है, जिस पर न केवल स्टार प्रचारक समय से पहले उतर गए हैं. बल्कि, बीजेपी के नेताओं ने अनिल बलूनी के पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया है.
अनिल बलूनी के नामांकन में मंच और मैदान में भीड़:26 मार्च को अनिल बलूनी ने नामांकन के बाद पौड़ी के ही रामलीला मैदान में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया. इस जनसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट समेत तमाम विधायक भी मौजूद रहे. ऐसे में इस ग्राउंड की जितनी कैपेसिटी थी, उससे ज्यादा भीड़ यहां आ गई थी.
करीब 120 मिनट से ज्यादा समय तक चले इस कार्यक्रम में सभी नेताओं ने बारी-बारी से माइक थाम कर जनता को संबोधित किया. जहां अपने भाषणों से कभी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनता को वोट करने की अपील करते तो कभी स्मृति ईरानी भारत माता की जय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जयकारे लगाकर माहौल को बनाने की कोशिश करतीं. वहीं, अनिल बलूनी का पौड़ी हो या कोटद्वार में उनके साथ राज्य के तमाम बड़े नेता दिखाई दे रहे हैं. उनके रोड शो में भी अच्छी खासी भीड़ दिखाई दी.
क्या बोले बलूनी और सीएम धामी?रैली के बाद अनिल बलूनी ने कहा पूरे क्षेत्र में ऐसा लग रहा है कि जनता चुनाव खुद लड़ना चाहती है और लड़वाना भी चाहती है. लोकसभा सीट की एक-एक कार्यकर्ता और जनता बेहद उत्साहित हैं. जनता नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहती है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहते हैं कि चुनाव की कोई बात नहीं कर रहा है सिर्फ बात इस बात की हो रही है कि दोबारा से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन रहे हैं. इतना ही नहीं लोग इस बात का भी जिक्र कर रहे हैं कि 400 सीटें आएंगी.
कांग्रेस के मंच पर नहीं था कोई बड़ा नेता:वहीं, 27 मार्च को पौड़ी का नजारा ठीक वैसा ही देखने को मिला, जैसा एक दिन पहले यानी 26 मार्च का था. आज गढ़वाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने अपना नामांकन पत्र भरने के बाद पौड़ी के इसी रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित किया. मंच पर नेता की बात करें तो पूर्व विधायक केदारनाथ मनोज रावत और कोटद्वार के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी के अलावा शायद ही कोई ऐसा नेता होगा जो कुछ लोगों की भीड़ को इस रैली में बुला सके.