कुरुक्षेत्र: आने वाले दो दिन 11 और 12 जनवरी को हरियाणा में बारिश की संभावना है. हरियाणा मौसम विभाग की ओर से इस संबंध में पूर्वानुमान जारी किया गया है. मौसम विभाग के अनुसार राज्य में हल्की से लेकर मध्यम बारिश दर्जे की बारिश हो सकती है. कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर हल्की बारिश होती है तो गेहूं और सरसों की फसल के लिए वरदान साबित होगी.
मध्यम से ज्यादा बारिश हो सकती है नुकसानदायकःकुरुक्षेत्र के जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. करमचंद ने बताया कि "हरियाणा मौसम विभाग की ओर से आने वाले दो दिनों में बारिश को लेकर सूचना भेजी गई है. अगर हल्की बारिश होती है तो वह गेहूं और सरसों की फसल के लिए काफी लाभदायक साबित होगी, एक प्रकार से कह सकते हैं कि बारिश वरदान साबित होगी. इससे गेहूं की फसल में अच्छा फ़ुटाव होगा जिसे पैदावार बेहतर होगी. अगर बारिश मध्यम या उससे ज्यादा होती है तो वह किसानों के लिए समस्या खड़ी कर सकती है. ऐसे में अगर बारिश होती है तो किसी भी गेहूं के खेत में 5 दिन से ज्यादा पानी न खड़े रहने दें, वरना फसल को नुकसान हो सकता है."
हरियाणा में बारिश का अलर्ट (Etv Bharat)
अभी सिंचाई रोकें, पेस्टिसाइड का भी इस्तेमाल न करेंः जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. करमचंद ने बताया कि मौसम विभाग की गाइडलाइन के अनुसार बारिश होने का अनुमान है. दूसरी सिंचाई का समय भी हो चुका है तो ऐसे में किसान गेहूं में दूसरी सिंचाई अभी ना करें. बरसात होने के बाद ही बरसात के अनुसार सिंचाई करें. वहीं, किसी भी प्रकार के कीटनाशक या अन्य प्रकार की दवाई भी अभी खेत में ना डालें क्योंकि कितनी मात्रा में बरसात होगी, इसका अनुमान नहीं है.
खेतों में लगी गेहूं की फसल (Etv Bharat)
ज्यादा बरसात होने पर खेत से पानी की करें निकासीः जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. करमचंद ने बताया कि करीब 15 दिन पहले भी हरियाणा में बारिश हुई थी और एक बार फिर से बारिश का अलर्ट जारी कर दिया गया है. ऐसे में किसान अपनी गेहूं या सरसों की फसल में पानी न खड़े रहने दें. अगर पानी खड़ा रहता है तो फसल को नुकसान हो जाता है और गेहूं पीली पड़ जाती है. इसलिए अगर बारिश माध्यम से ज्यादा होती है तो गेहूं के पीले पड़ने के आसार होते हैं.
पत्ता गोभी की फसल (Etv Bharat)
पीलापन होने पर नैनो खाद का करें प्रयोगःजिला कृषि उपनिदेशक ने बताया कि ज्यादा बारिश के कारण अगरगेहूं की फसल पीली पड़ जाती है तो बरसात के बाद नैनो डीपी खाद का खेत में छिड़काव करें. इससे पीलेपन की समस्या दूर होगी और खेत में पौधों की स्थिति बेहतर होगी जिससे पैदावार अच्छी निकलेगी. अगर खेत से पानी न निकले तो गेहूं की पैदावार पर काफी असर पड़ सकता है. इसलिए 5 दिन से ज्यादा गेहूं के खेत में पानी न खड़े रहने दें.
सब्जियों के लिए नुकसानदायक हो सकती है बरसात और सर्दीः कृषि उपनिदेशक डॉ. करमचंद ने बताया कि यह बरसात सब्जियों के लिए नुकसानदायक हो सकती है. अगर बरसात ज्यादा होती है तो सबसे ज्यादा प्रभाव सब्जियों की फसल पर पड़ता है. इसलिए उनका प्रबंधन ज्यादा जरूरी है. बरसात के बाद सर्दी ज्यादा पड़ने का अनुमान है और इससे पाला भी पड़ सकता है. इसको ध्यान में रखकर अपने खेत में 500 ग्राम सल्फर का स्प्रे करें. इससे पौधे में गर्मी आ जाती है और पाले का असर कम पड़ता है. इसके अलावा सब्जी के खेत के चारों तरफ धुंआ करें. उससे भी सर्दी और पाले का असर कम होता है. इस प्रकार से सब्जियों का बचाव कर सकते हैं और सब्जियों में भी भूलकर पानी न खड़े होने दे उसको निकासी का प्रबंध जरूर करें.